मणिपुर में भारतीय सेना की बड़ी सफलता: उग्रवादियों से भारी मात्रा में हथियार और नकदी बरामद

मणिपुर राज्य एक बार फिर चर्चा में है, लेकिन इस बार इसकी वजह है भारतीय सेना और सुरक्षा बलों की साहसी और सफल कार्रवाई। हाल ही में मणिपुर के चंदेल जिले में भारत-म्यांमार सीमा के समीप एक बड़े सैन्य अभियान को अंजाम दिया गया, जिसमें भारतीय सेना और असम राइफल्स की संयुक्त टीम ने दस उग्रवादियों को मार गिराया और उनके कब्जे से हथियारों और नकदी का बड़ा जखीरा बरामद किया।

यह कार्रवाई न्यू समताल गांव के नजदीक उस समय हुई जब उग्रवादियों ने सुरक्षा बलों पर घात लगाकर हमला किया। हमले के तुरंत बाद सेना ने मुस्तैदी दिखाते हुए जवाबी कार्रवाई की और भारी मुठभेड़ में दस उग्रवादियों को ढेर कर दिया। इस मुठभेड़ में सेना ने अपनी रणनीतिक क्षमता का प्रदर्शन किया और पूरे इलाके को घेरकर तलाशी अभियान चलाया। मुठभेड़ के बाद जो सामग्री बरामद की गई, उसमें कई अत्याधुनिक हथियार शामिल हैं जैसे कि एके-47 राइफलें, एम4 राइफल, एसबीबीएल राइफल, रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड (RPG) लॉन्चर, भारी मात्रा में गोला-बारूद, विस्फोटक और नकदी।



मणिपुर का यह इलाका पहले भी उग्रवादी गतिविधियों का केंद्र रहा है, खासकर उन संगठनों का जो म्यांमार की सीमा पार स्थित हैं और समय-समय पर भारत में घुसपैठ करते हैं। सेना के अनुसार, मारे गए उग्रवादी म्यांमार के उग्रवादी संगठनों से जुड़े थे, जो सीमा पार से भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के उद्देश्य से दाखिल हुए थे। यह मुठभेड़ न केवल भारत की सुरक्षा व्यवस्था की मजबूती को दर्शाती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि भारत अब सीमा पार की चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

इस घटना के बाद भारत-म्यांमार सीमा पर सुरक्षा और भी ज्यादा कड़ी कर दी गई है। सेना और अर्धसैनिक बलों ने सीमा के आसपास निगरानी बढ़ा दी है और घुसपैठ के संभावित मार्गों को चिन्हित कर उन पर विशेष नजर रखी जा रही है। ड्रोन, सैटेलाइट इमेजरी और इंटेलिजेंस नेटवर्क के माध्यम से भी लगातार निगरानी रखी जा रही है ताकि कोई भी संदिग्ध गतिविधि समय रहते पकड़ी जा सके।

मणिपुर में यह सैन्य कार्रवाई इस बात का संकेत है कि भारत सरकार और सुरक्षा बल पूर्वोत्तर भारत में शांति बनाए रखने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। बीते कुछ वर्षों में पूर्वोत्तर में उग्रवादी गतिविधियों में भारी कमी आई है, जिसका श्रेय भारतीय सेना, असम राइफल्स और स्थानीय पुलिस बलों की संयुक्त कार्रवाई को जाता है। यह कार्रवाई न केवल मणिपुर के नागरिकों में विश्वास बहाल करने वाली है, बल्कि यह संदेश भी देती है कि भारत की संप्रभुता से खिलवाड़ करने की कोशिश करने वालों को अब कड़ी कीमत चुकानी होगी।

मणिपुर जैसे संवेदनशील इलाके में इस प्रकार की कार्रवाई से स्पष्ट हो गया है कि अब भारत सिर्फ रक्षा ही नहीं, बल्कि ठोस जवाबी रणनीति के तहत उग्रवाद को खत्म करने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। इस प्रकार की घटनाओं से यह भी उम्मीद जगी है कि निकट भविष्य में मणिपुर और अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थायी शांति की स्थापना संभव होगी।