भारत ने दिखाई ताकत, पाकिस्तान को मिला मुंहतोड़ जवाब
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर चरम पर पहुंच गया है। 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत आतंक के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की थी। इस ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में मौजूद नौ आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया था। इस हमले में 70 से अधिक आतंकी ढेर हुए और कई ठिकानों को पूरी तरह तबाह कर दिया गया। यह कार्रवाई जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर के घर तक पहुंची, जिसमें उसके परिवार के 10 सदस्य मारे गए।
पाकिस्तान की बौखलाहट: संघर्षविराम का उल्लंघन
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता से बौखलाए पाकिस्तान ने तुरंत प्रतिक्रिया दी। 6 मई को पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर की सीमा से लगे इलाकों में भारी गोलीबारी शुरू कर दी। यह गोलीबारी एकतरफा और जानलेवा थी। इसमें भारत के कम से कम 10 नागरिकों की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हुए। पाकिस्तान का यह कदम अंतरराष्ट्रीय कानून और संघर्षविराम समझौतों का खुला उल्लंघन था।
पाकिस्तानी सेना ने रिहायशी इलाकों को निशाना बनाया, जिससे कई मकानों को नुकसान पहुंचा। इस हमले का उद्देश्य केवल जवाब देना नहीं था, बल्कि भारत में दहशत फैलाना भी था। लेकिन भारत इस बार चुप बैठने वाला नहीं था।
भारत की जवाबी कार्रवाई: 10 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए
भारत ने पाकिस्तान की गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब देते हुए जवाबी कार्रवाई की। भारतीय सेना ने सीमावर्ती इलाकों में पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। इस ऑपरेशन में भारत की ओर से इस्तेमाल की गई आधुनिक तकनीक और सटीक निशाने ने पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचाया। सूत्रों के अनुसार, इस कार्रवाई में पाकिस्तान के कम से कम 10 सैनिक मारे गए हैं। यह कार्रवाई भारतीय सेना द्वारा पूरी रणनीतिक तैयारी और अनुशासन के साथ अंजाम दी गई।
भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि यह जवाबी कार्रवाई सीमित थी, लेकिन अगर पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आया, तो अगली कार्रवाई और भी घातक होगी। भारत अब आतंकवाद और उसके समर्थन में खड़े देशों को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेगा।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गूंज: भारत का रुख स्पष्ट
ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद हुई जवाबी कार्रवाई ने भारत के रुख को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्पष्ट कर दिया है। भारत अब केवल आतंकी हमलों की निंदा तक सीमित नहीं रहना चाहता, बल्कि ऐसे हमलों की जड़ तक जाकर उन्हें खत्म करना चाहता है। पाकिस्तान द्वारा संघर्षविराम तोड़ने और निर्दोष नागरिकों को मारने की घटना के बाद कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने चिंता जताई है।
संयुक्त राष्ट्र ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है, जबकि अमेरिका और फ्रांस ने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार को मान्यता दी है। भारत की यह रणनीति अब केवल रक्षात्मक नहीं, बल्कि आक्रामक भी बन चुकी है।
ऑपरेशन सिंदूर और बदलती सैन्य नीति
ऑपरेशन सिंदूर केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं थी, यह भारत की बदली हुई सैन्य नीति का प्रतीक भी है। अब भारत आतंकी हमलों का जवाब सीमित सीमा में नहीं, बल्कि उसके स्रोत तक जाकर देने का निर्णय कर चुका है। यह ऑपरेशन सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट एयरस्ट्राइक की कड़ी में अगला कदम है।
पाकिस्तान अब यह समझ चुका है कि भारत के सब्र का बांध टूट चुका है। भारत अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगा और जरूरत पड़ने पर सीधा हमला करके अपने दुश्मनों को मिटा देगा।
निष्कर्ष: भारत अब चुप नहीं बैठेगा
भारत की हालिया कार्रवाई यह साफ संदेश देती है कि अब आतंकवाद को समर्थन देने वाले देशों को बख्शा नहीं जाएगा। पाकिस्तान की तरफ से बार-बार संघर्षविराम का उल्लंघन और निर्दोष नागरिकों की हत्या भारत को अब स्वीकार्य नहीं है। भारत अब केवल जवाब नहीं, बल्कि सटीक और निर्णायक जवाब देगा।
10 भारतीय नागरिकों की मौत के बाद भारत ने 10 पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराकर यह दिखा दिया है कि अब हर जान की कीमत चुकाई जाएगी। भारत की नई नीति और सैन्य क्षमता ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि वह आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पीछे हटने वाला नहीं है।
इस मुद्दे पर आपका क्या विचार है? क्या भारत को और सख्त कदम उठाने चाहिए? अपनी राय हमें जरूर बताएं।
यदि आप इस लेख को पसंद करते हैं, तो इसे शेयर करें और देश के अन्य नागरिकों तक सच्ची खबरें पहुंचाएं।