मसूद अजहर के घर गूंजे भारतीय बम: ऑपरेशन सिंदूर से दहला बहावलपुर

भारत ने आखिरकार आतंकवाद के खिलाफ एक और बड़ा कदम उठाया है। जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के बहावलपुर स्थित घर को भारतीय वायुसेना द्वारा निशाना बनाया गया। यह जवाबी हमला ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत हुआ, जिसमें उसके परिवार के 10 सदस्य मारे गए। इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तान की आतंक की फैक्ट्री को गहरी चोट पहुंची है।



ऑपरेशन सिंदूर: भारत का करारा जवाब

7 मई 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 भारतीय नागरिकों की मौत हो गई थी। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकियों पर थी, जो पाकिस्तान से संचालित होते हैं। भारत ने तुरंत कड़ा रुख अपनाते हुए आतंक के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की योजना बनाई।

इसके बाद भारतीय वायुसेना ने "ऑपरेशन सिंदूर" नामक जवाबी अभियान को अंजाम दिया। इस ऑपरेशन के तहत जैश-ए-मोहम्मद के बहावलपुर स्थित अड्डों पर एयरस्ट्राइक की गई। मसूद अजहर का घर भी इस हमले का मुख्य निशाना था।


मसूद अजहर के घर में बम धमाके: 10 परिजनों की मौत

इस ऑपरेशन की सबसे चौंकाने वाली खबर यह रही कि मसूद अजहर के परिवार के 10 सदस्य इस बमबारी में मारे गए। इनमें उसकी बहन, दो भतीजे, तीन भतीजियां और अन्य करीबी रिश्तेदार शामिल थे। इस जानकारी को पाकिस्तानी खुफिया सूत्रों और मीडिया ने भी स्वीकार किया है।

यह पहली बार है जब भारत ने सीधे मसूद अजहर के परिवार को निशाना बनाया है, जिससे यह संकेत साफ है कि अब भारत केवल बयानबाज़ी नहीं, बल्कि ठोस कार्रवाई में विश्वास करता है।


अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की प्रशंसा

भारत की इस सर्जिकल स्ट्राइकनुमा कार्रवाई की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा हो रही है। कई वैश्विक सुरक्षा विशेषज्ञों ने इस ऑपरेशन को "जवाबी न्याय" करार दिया है। अमेरिका, फ्रांस और जापान जैसे देशों ने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार को समर्थन दिया है और पाकिस्तान से आतंक के खिलाफ ठोस कदम उठाने को कहा है।

संयुक्त राष्ट्र ने भी भारत और पाकिस्तान दोनों से संयम बरतने की अपील की है, लेकिन आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति को नकारा नहीं है।


पाकिस्तान की घबराहट और सफाई

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है। पाकिस्तानी सरकार ने इस हमले को अपनी संप्रभुता पर हमला बताया और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप की मांग की है। हालांकि, पाकिस्तान की साख पहले ही FATF की ग्रे लिस्ट में होने के कारण कमजोर पड़ चुकी है।

मसूद अजहर के संगठन जैश-ए-मोहम्मद को संयुक्त राष्ट्र पहले ही वैश्विक आतंकी संगठन घोषित कर चुका है, और अजहर खुद भी प्रतिबंधित आतंकी है। ऐसे में पाकिस्तान की सफाई को विश्व समुदाय ने ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया है।


भारतीय सेना का संदेश: अब बर्दाश्त नहीं

भारतीय सेना प्रमुख और पूर्व चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने इस हमले के बाद एक ट्वीट किया— "अभी पिक्चर बाकी है…"। इस बयान को अब भारत के आने वाले कदमों का संकेत माना जा रहा है। इससे यह स्पष्ट है कि भारत अब आतंक के खिलाफ निर्णायक और आक्रामक नीति पर चल रहा है।

यह हमला केवल बदले की कार्रवाई नहीं, बल्कि आतंकवादियों और उनके संरक्षकों को स्पष्ट चेतावनी है— भारत अब चुप नहीं बैठेगा।


भविष्य की रणनीति: आतंक के गढ़ को जड़ से उखाड़ना

भारत अब केवल सीमाओं की सुरक्षा में ही नहीं, बल्कि उन ठिकानों को भी मिटाने की रणनीति पर चल रहा है जहाँ आतंक की प्लानिंग होती है। बहावलपुर, मुरीदके, कराची जैसे इलाकों में मौजूद आतंकी अड्डे भारत की रडार पर हैं।

ऑपरेशन सिंदूर को एक ‘टर्निंग पॉइंट’ माना जा रहा है जो भारत की आतंकरोधी नीति को एक नई दिशा देगा। भारत अब सक्रिय आक्रामकता (proactive aggression) की नीति अपना रहा है, जिससे दुश्मन देश को अपनी हरकतों का गंभीर अंजाम भुगतना होगा।


निष्कर्ष: आतंकवाद को मिलेगी करारी शिकस्त

मसूद अजहर जैसे आतंकियों का अंत अब दूर नहीं। भारत ने यह साफ कर दिया है कि वह न केवल सीमा पर हमला करने वालों को जवाब देगा, बल्कि उन संगठनों की जड़ों को भी खत्म करेगा जो इन हमलों की साजिश रचते हैं।

ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारत ने दिखा दिया है कि आतंक के खिलाफ अब न कोई रियायत दी जाएगी और न ही कोई ढील।