धर्म सिंह छोकर की गिरफ्तारी: ₹1,500 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग में बड़ा खुलासा

देश की राजनीति में एक बार फिर भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हरियाणा के पूर्व कांग्रेस विधायक धर्म सिंह छोकर को ₹1,500 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार कर लिया है। इस गिरफ्तारी ने पूरे राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। चलिए विस्तार से जानते हैं कि आखिर क्या है यह पूरा मामला और क्यों मचा है इतना बवाल।

पार्टी से गिरफ्तारी तक: एक फिल्मी स्टाइल ड्रामा



ED की टीम को धर्म सिंह छोकर की तलाश काफी समय से थी। जानकारी के मुताबिक, छोकर दिल्ली के एक लक्ज़री होटल में एक भव्य पार्टी में शामिल थे। जैसे ही ED को उनके वहां होने की खबर मिली, एक नाटकीय सीन शुरू हो गया। धर्म सिंह छोकर ने भागने की कोशिश की और ED अधिकारियों से हाथापाई भी की, लेकिन अंततः उन्हें पकड़ लिया गया।

यह दृश्य किसी थ्रिलर फिल्म जैसा लग रहा था। पार्टी, भागने की कोशिश, और फिर गिरफ्तारी — ED की इस रात की कार्रवाई ने सभी को चौंका दिया।

कौन हैं धर्म सिंह छोकर?

धर्म सिंह छोकर हरियाणा के समालखा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक रह चुके हैं। वह हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा के करीबी माने जाते हैं। राजनीति में उनका प्रभावशाली कद है और लंबे समय से वे कांग्रेस की राजनीति में सक्रिय हैं।

लेकिन अब उनका नाम एक बड़े घोटाले में सामने आने के बाद वे कानून के शिकंजे में हैं। ED ने उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत कार्रवाई शुरू की है।

क्या है ₹1,500 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग का मामला?

ED की जांच के अनुसार धर्म सिंह छोकर और उनके परिवार ने गुरुग्राम के सेक्टर 68 में एक अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट में निवेश करने के नाम पर करीब 3,700 से ज्यादा होमबायर्स से ₹616 करोड़ से अधिक की राशि वसूली थी। लेकिन न तो घर दिए गए और न ही पैसे वापस किए गए।

इसके अलावा, निर्माण कार्य दिखाकर फर्जी खर्चे दर्शाए गए और पैसों को निजी उपयोग में लिया गया। इस तरह कुल मिलाकर यह घोटाला करीब ₹1,500 करोड़ तक पहुंच गया।

ED की कार्रवाई और परिवार की भूमिका

ED ने इस घोटाले की जांच के दौरान धर्म सिंह छोकर के बेटों विकास और सिकंदर छोकर को भी जांच के घेरे में लिया है। सिकंदर छोकर को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है जबकि विकास और धर्म सिंह छोकर को अदालत ने पहले ही भगोड़ा घोषित कर दिया था।

कोर्ट ने इन दोनों को 19 मई 2025 तक अदालत में पेश होने का आदेश भी दिया था। लेकिन अब धर्म सिंह छोकर की गिरफ्तारी के बाद यह देखना होगा कि उनके बेटे की गिरफ्तारी कब होती है।

राजनीति में भ्रष्टाचार का गंभीर सवाल

इस पूरे मामले ने एक बार फिर राजनीति में नैतिकता और पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक ओर कांग्रेस भ्रष्टाचार विरोधी नीतियों की बात करती है, वहीं दूसरी ओर उसके वरिष्ठ नेता ही ऐसे गंभीर आरोपों में फंसते जा रहे हैं।

इस मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी और अन्य विपक्षी दलों ने कांग्रेस पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। अब कांग्रेस के लिए यह चुनौती बन गई है कि वह अपने नेताओं के ऐसे मामलों से खुद को कैसे अलग करे।

क्या कहती है कानून व्यवस्था?

प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई यह दर्शाती है कि आर्थिक अपराधों पर अब सख्त रवैया अपनाया जा रहा है। मनी लॉन्ड्रिंग जैसे मामलों में अगर नेताओं के खिलाफ सबूत होते हैं, तो एजेंसियां बिना किसी दबाव के कार्रवाई कर रही हैं।

धर्म सिंह छोकर की गिरफ्तारी इस बात का प्रमाण है कि अब बड़े नेताओं को भी कानून का सामना करना पड़ेगा। अगर यह केस सजा तक पहुंचता है तो यह भविष्य में भ्रष्टाचारियों के लिए एक उदाहरण बनेगा।

क्या होगा आगे?

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि अदालत इस पूरे मामले में क्या फैसला देती है। ED द्वारा जुटाए गए सबूत कितने मजबूत हैं और छोकर परिवार के खिलाफ कितनी कठोर कार्रवाई होती है, यह आने वाले समय में स्पष्ट होगा।

अगर धर्म सिंह छोकर दोषी साबित होते हैं तो यह मामला भारतीय राजनीति में एक बड़ा मोड़ साबित हो सकता है।

निष्कर्ष

धर्म सिंह छोकर की गिरफ्तारी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब राजनीतिक पहुंच या पद किसी को कानून से बचा नहीं सकते। मनी लॉन्ड्रिंग जैसे अपराधों के खिलाफ केंद्र सरकार और जांच एजेंसियों की कार्रवाई एक मजबूत संदेश है कि भ्रष्टाचार के लिए कोई जगह नहीं है।

इस खबर पर देश की जनता की नजर बनी हुई है और हर कोई उम्मीद कर रहा है कि न्याय की जीत हो और दोषियों को सजा मिले।