हिंदू देवताओं का अपमान कर फंसे वजाहत खान, कोलकाता पुलिस ने दर्ज की FIR – जानिए पूरा मामला

कोलकाता पुलिस ने हाल ही में वजाहत खान के खिलाफ एक गंभीर मामला दर्ज किया है जिसमें उन पर हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करने का आरोप लगाया गया है। यह मामला तब सामने आया जब खान ने पुणे की लॉ छात्रा शरमिष्ठा पनोली के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके चलते पनोली को धार्मिक भावना आहत करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। लेकिन अब वजाहत खान खुद उन्हीं आरोपों में घिरते नजर आ रहे हैं।



शरमिष्ठा पनोली एक युवा लॉ छात्रा और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर हैं, जिन्होंने हाल ही में इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट किया था। उस वीडियो में उन्होंने बॉलीवुड सितारों की चुप्पी पर सवाल उठाया था, जो ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर भी प्रतिक्रिया नहीं देते। इस वीडियो को लेकर वजाहत खान ने शिकायत दर्ज की और कोलकाता पुलिस ने शरमिष्ठा को गुरुग्राम से गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया, जिससे सोशल मीडिया पर व्यापक बहस शुरू हो गई।

हालांकि मामला यहीं नहीं रुका। अब इंटरनेट पर वजाहत खान के पुराने सोशल मीडिया पोस्ट्स सामने आए हैं जिनमें उन्होंने हिंदू देवताओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं। इन पुराने पोस्ट्स के स्क्रीनशॉट्स वायरल होते ही कोलकाता पुलिस ने खान के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। इतना ही नहीं, असम पुलिस भी इस मामले में सक्रिय हो गई है और उनके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी कर रही है।

इस घटनाक्रम के बाद सोशल मीडिया पर न्याय की समानता को लेकर बहस तेज हो गई है। कई लोगों का कहना है कि अगर शरमिष्ठा पनोली को सिर्फ सवाल पूछने पर गिरफ्तार किया जा सकता है, तो वजाहत खान को भी हिंदू धर्म के अपमान के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। यह मामला देश में चल रही धार्मिक संवेदनाओं और सोशल मीडिया की भूमिका को उजागर करता है, जहाँ हर शब्द का प्रभाव बहुत गहरा होता है।

इस विवाद से यह साफ हो गया है कि किसी भी समुदाय, धर्म या विचारधारा को निशाना बनाना अब केवल बहस का विषय नहीं रहा, बल्कि यह कानूनी कार्रवाई की ओर भी अग्रसर हो सकता है। सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जरूर है, लेकिन उसमें संयम और सम्मान का होना अनिवार्य है। वजाहत खान का यह मामला यह भी दर्शाता है कि कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है और धार्मिक भावना आहत करने वाले को कानून के दायरे में लाना आवश्यक है।

अब देखना यह होगा कि कोलकाता और असम पुलिस की आगे की कार्रवाई क्या दिशा लेती है और क्या वजाहत खान को भी उन्हीं धाराओं में सजा मिलेगी जिनके अंतर्गत उन्होंने शरमिष्ठा पनोली के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी। यह मामला आने वाले दिनों में देश में ऑनलाइन अभिव्यक्ति और धार्मिक सम्मान की बहस को और अधिक व्यापक बना सकता है।