भारत ने रचा इतिहास: 90 देशों को रक्षा निर्यात, मोदी सरकार की ऐतिहासिक उपलब्धि | अब बना चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। भारत न सिर्फ वैश्विक शक्ति बन रहा है, बल्कि अब रक्षा क्षेत्र में भी बड़ी छलांग लगाई है। हाल ही में केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने जानकारी दी कि भारत अब दुनिया के 90 देशों को रक्षा उपकरण और हथियार निर्यात करता है। यह उपलब्धि भारत की आत्मनिर्भरता, तकनीकी प्रगति और वैश्विक विश्वसनीयता का प्रमाण है।

पिछले कुछ वर्षों में 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' जैसी योजनाओं के माध्यम से सरकार ने रक्षा क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए कई बड़े फैसले लिए हैं। इसका परिणाम यह हुआ है कि आज भारत एक समय के आयातक देश से निर्यातक बन चुका है। भारत का रक्षा उत्पादन वित्त वर्ष 2023-24 में ₹1.27 लाख करोड़ के रिकॉर्ड स्तर तक पहुँच गया है, जबकि रक्षा निर्यात ₹21,000 करोड़ को पार कर चुका है। यह न केवल देश की रक्षा ताकत को मज़बूत करता है, बल्कि वैश्विक मंच पर भारत की छवि को भी सुदृढ़ करता है।



सिर्फ निर्यात ही नहीं, भारत की नौसेना भी आत्मनिर्भरता की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति कर रही है। रक्षा मंत्रालय ने जानकारी दी है कि भारतीय नौसेना ने 75% आत्मनिर्भरता प्राप्त कर ली है। आज नौसेना के अधिकतर युद्धपोत स्वदेशी तकनीक से निर्मित हो रहे हैं, जिनमें INS हिमगिरी और INS उदयगिरी जैसे आधुनिक जहाज शामिल हैं। इन युद्धपोतों में अत्याधुनिक नेविगेशन, रडार, और मिसाइल सिस्टम लगाए गए हैं, जिनका निर्माण पूरी तरह भारतीय कंपनियों द्वारा किया गया है।

इन उपलब्धियों के बीच भारत की आर्थिक शक्ति में भी ज़बरदस्त इजाफा हुआ है। नीति आयोग के CEO बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम ने हाल ही में पुष्टि की है कि भारत ने जापान को पीछे छोड़ते हुए $4.18 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के साथ चौथे स्थान पर जगह बना ली है। यह उपलब्धि इस बात का संकेत है कि भारत अब केवल सैन्य शक्ति ही नहीं, बल्कि आर्थिक मोर्चे पर भी वैश्विक पटल पर अपना दबदबा बना चुका है। आने वाले वर्षों में भारत के तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की संभावना है।

इसके साथ ही भारत सरकार ने देश के रक्षा बजट में भी बड़ा इजाफा किया है। वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत का रक्षा बजट ₹6.81 लाख करोड़ रखा गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 9.5% अधिक है। इसमें से ₹1.80 लाख करोड़ केवल नए हथियार, रक्षा उपकरण और सैन्य आधुनिकीकरण के लिए निर्धारित किए गए हैं। यह बजट न केवल सेना को नई तकनीक से लैस करेगा, बल्कि भारत को भविष्य की चुनौतियों के लिए भी तैयार करेगा।

यह कहना गलत नहीं होगा कि मोदी सरकार ने भारत को एक नए युग में प्रवेश कराया है। चाहे वह रक्षा निर्यात हो, नौसेना की आत्मनिर्भरता, आर्थिक तरक्की या रक्षा बजट में बढ़ोत्तरी—हर क्षेत्र में भारत ने एक मजबूत छवि प्रस्तुत की है। ये उपलब्धियाँ न केवल सरकार की दूरदृष्टि और नीति-निर्माण की सफलता को दर्शाती हैं, बल्कि यह भी साबित करती हैं कि भारत अब केवल विकासशील देश नहीं, बल्कि एक वैश्विक नेता बन चुका है।