ऑपरेशन शील्ड स्थगित: भारत की तैयारी, पाकिस्तान की बेचैनी और पंजाब में 3 जून को मॉक ड्रिल

हाल ही में भारत सरकार द्वारा घोषित "ऑपरेशन शील्ड" नागरिक सुरक्षा अभ्यास को लेकर बड़ा फैसला सामने आया है। गुजरात, राजस्थान, हरियाणा और चंडीगढ़ में होने वाली यह मॉक ड्रिल अब प्रशासनिक कारणों से स्थगित कर दी गई है। हालांकि पंजाब सरकार की विशेष अपील पर इस राज्य में यह मॉक ड्रिल 3 जून को आयोजित की जाएगी। इस अभ्यास का उद्देश्य भारत-पाकिस्तान सीमा के समीप नागरिकों को आपात स्थिति जैसे हवाई हमले, ड्रोन हमला या युद्ध जैसे हालात के लिए तैयार करना है।

"ऑपरेशन शील्ड" भारत की उस रणनीतिक सोच का हिस्सा है, जो आम नागरिकों को राष्ट्रीय सुरक्षा का अहम अंग मानता है। यह ड्रिल केवल रक्षा बलों की तैयारी नहीं बल्कि देश की आंतरिक सुरक्षा को मज़बूत करने का प्रयास भी है। इसका मुख्य उद्देश्य आम जनता को सिखाना है कि अगर कोई आपदा या बाहरी हमला हो, तो कैसे उन्हें संयम और समझदारी से प्रतिक्रिया देनी है।




इससे पहले 7 मई को भारत द्वारा किए गए जवाबी कार्रवाई में "ऑपरेशन सिंदूर" के तहत भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के कम-से-कम नौ सैन्य अड्डों को निशाना बनाया था। यह कार्रवाई जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद की गई थी, जिसमें कई भारतीय जवान शहीद हुए थे। भारत की इस निर्णायक कार्रवाई के चलते पाकिस्तान की वायुसेना को अनुमानतः पाँच वर्षों का नुकसान हुआ। लगातार हो रहे हमलों के दबाव में पाकिस्तान ने आखिरकार संघर्षविराम की अपील की, जिसे भारत ने 10 मई को मान लिया।

इस पृष्ठभूमि में "ऑपरेशन शील्ड" का महत्व और बढ़ जाता है। भारत न केवल कूटनीतिक रूप से मजबूत स्थिति में है, बल्कि सैन्य और नागरिक स्तर पर भी अपनी तैयारियों को तेज कर रहा है। इन मॉक ड्रिल्स का संचालन गृह मंत्रालय की देखरेख में किया जा रहा है। इसमें पुलिस, सिविल डिफेंस, होमगार्ड, एनसीसी, एनएसएस और स्थानीय प्रशासन को भी शामिल किया गया है। इसके तहत नागरिकों को बताया जाएगा कि हवाई हमले या ब्लैकआउट जैसी स्थितियों में कैसे व्यवहार करना चाहिए, कहाँ छुपना है, किसे सूचित करना है और किस प्रकार के अलार्म संकेतों पर प्रतिक्रिया देनी है।

पंजाब सरकार ने केंद्र से अनुरोध किया था कि इस ड्रिल को राज्य में थोड़ा विलंब कर के आयोजित किया जाए, ताकि स्थानीय तैयारी पूरी हो सके। केंद्र ने इस अनुरोध को स्वीकार कर लिया और अब 3 जून को पंजाब में ऑपरेशन शील्ड के अंतर्गत मॉक ड्रिल होगी। इस आयोजन में बड़े पैमाने पर नागरिकों की भागीदारी अपेक्षित है। सरकारी एजेंसियों ने लोगों से अनुरोध किया है कि वे इस अभ्यास में सहयोग करें और इसे गंभीरता से लें।

भारत की यह रणनीति स्पष्ट संदेश देती है कि वह किसी भी आपदा या हमले का मुकाबला करने के लिए हर स्तर पर तैयार है—चाहे वह सैन्य हो या नागरिक। पाकिस्तान भले ही परमाणु हथियारों की धौंस देता रहे, लेकिन भारत की सटीक और संगठित प्रतिक्रिया से उसकी स्थिति बार-बार बेनकाब होती रही है।

इस मॉक ड्रिल की सफलता आने वाले समय में भारत की नागरिक सुरक्षा के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकती है। इससे न केवल सीमावर्ती इलाकों के लोगों को आत्मविश्वास मिलेगा, बल्कि यह देश को आतंरिक रूप से और मज़बूत बनाएगा। भारत अब केवल युद्ध के मैदान में नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग में सुरक्षा के लिए तैयार है।