ऑपरेशन सिंदूर: पाकिस्तान को मिला करारा जवाब, 5 जवान शहीद, 40 दुश्मन ढेर

भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर चल रहा तनाव एक बार फिर चरम पर है। भारतीय सेना ने हाल ही में 'ऑपरेशन सिंदूर' नामक विशेष सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया, जिसमें हमारे 5 बहादुर जवानों ने वीरगति प्राप्त की, जबकि पाकिस्तान के लगभग 35 से 40 सैनिकों और अफसरों को ढेर कर दिया गया। यह कार्रवाई पाकिस्तान की ओर से लगातार हो रहे सीजफायर उल्लंघनों और आतंकी गतिविधियों के जवाब में की गई। इस ऑपरेशन ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि भारत अपनी सुरक्षा और संप्रभुता को लेकर कोई समझौता नहीं करेगा।

ऑपरेशन सिंदूर: एक निर्णायक सैन्य कार्रवाई



ऑपरेशन सिंदूर एक सुनियोजित और रणनीतिक सैन्य अभियान था, जिसे भारतीय सेना ने कश्मीर क्षेत्र में पाकिस्तानी आतंकवादियों और उनके संरक्षकों के खिलाफ अंजाम दिया। इस ऑपरेशन का उद्देश्य सीमापार से हो रही घुसपैठ और आतंकी साजिशों को समाप्त करना था। भारतीय सेना ने सटीक जानकारी के आधार पर कार्रवाई करते हुए आतंकियों के लॉन्चपैड्स और छिपे ठिकानों को तबाह किया। इस दौरान भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद और पाकिस्तान की सैन्य गतिविधियों के सबूत भी बरामद हुए।

पांच जवानों का बलिदान और पाकिस्तान को भारी नुकसान

इस ऑपरेशन की सबसे दुखद बात यह रही कि भारत के पांच वीर जवान इस कार्रवाई में शहीद हो गए। उनके बलिदान को पूरा देश सलाम कर रहा है। वहीं दूसरी ओर, पाकिस्तान की सेना को इस जवाबी कार्रवाई में बहुत भारी नुकसान उठाना पड़ा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान के 35 से 40 सैनिक और अधिकारी इस ऑपरेशन में मारे गए हैं। भारतीय सेना ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि अब कोई भी आतंकी हरकत बर्दाश्त नहीं की जाएगी और उसका तगड़ा जवाब मिलेगा।

पाकिस्तान का संघर्षविराम उल्लंघन और DGMO की चेतावनी

पाकिस्तान लगातार संघर्षविराम का उल्लंघन कर रहा है, जिससे सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले नागरिकों की जान को खतरा बना हुआ है। भारतीय सेना के अनुसार, पाकिस्तान की ओर से गोलीबारी और ड्रोन की गतिविधियों में तेजी आई है। इस पर भारत के DGMO ने स्पष्ट रूप से कहा है कि यदि पाकिस्तान फिर से सीजफायर तोड़ता है तो उसे इस बार और भी कड़ा और निर्णायक जवाब मिलेगा। DGMO ने यह भी कहा कि भारत किसी तीसरे देश या मध्यस्थ से इस मामले पर बात नहीं करेगा। केवल DGMO स्तर पर सैन्य कार्रवाई रोकने से संबंधित वार्ता ही एकमात्र विकल्प है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का रुख साफ

भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने यह स्पष्ट कर दिया है कि कश्मीर उसका आंतरिक मुद्दा है और इसमें किसी तीसरे पक्ष की भूमिका नहीं होनी चाहिए। भारत और पाकिस्तान के बीच यदि कोई वार्ता होगी तो वह सिर्फ DGMO स्तर पर होगी और वह भी केवल युद्धविराम को लेकर होगी, न कि कश्मीर जैसे संवेदनशील मुद्दे पर। भारत ने यह भी साफ कर दिया है कि अब कश्मीर के मुद्दे में केवल पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) बचा है, जिसे भारत में शामिल करना हमारा लक्ष्य है।

पाकिस्तान की बौखलाहट और भारत की मजबूती

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान में खलबली मच गई है। उसकी सेना और सरकार अब भारत के कड़े रुख को लेकर बौखलाहट में है। पाकिस्तान के मीडिया और रक्षा विशेषज्ञों ने भी यह स्वीकार किया है कि इस ऑपरेशन में उसे भारी नुकसान उठाना पड़ा है। वहीं भारत ने अपनी सैन्य और कूटनीतिक ताकत का प्रदर्शन कर यह दिखा दिया है कि वह अब केवल प्रतिक्रिया देने वाला देश नहीं रहा, बल्कि कार्रवाई करने वाला राष्ट्र बन चुका है।

निष्कर्ष: भारत की निर्णायक नीति

ऑपरेशन सिंदूर ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत अब आतंकवाद के प्रति "जीरो टॉलरेंस" की नीति पर काम कर रहा है। हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा और पाकिस्तान को हर नापाक हरकत का करारा जवाब मिलेगा। यह ऑपरेशन न केवल भारत की सैन्य क्षमता का प्रतीक है, बल्कि इसकी कूटनीतिक दृढ़ता का भी संकेत है। भविष्य में अगर पाकिस्तान ने फिर से संघर्षविराम का उल्लंघन किया या आतंकवाद को समर्थन दिया, तो उसे और भी कठोर जवाब मिलेगा। भारत अब शांतिपूर्ण प्रयासों को प्राथमिकता जरूर देता है, लेकिन आत्मरक्षा और बदला लेना भी उतना ही जरूरी समझता है।