दुनिया भर में पहली बार यौन संबंध बनाने की औसत उम्र: जानिए कौन से देश में सबसे देरी और सबसे पहले होता है यह निर्णय

दुनिया भर के देशों में यौन शिक्षा, सामाजिक परंपराएं और व्यक्तिगत निर्णय यौन संबंध बनाने की उम्र को प्रभावित करते हैं। Durex द्वारा किए गए एक वैश्विक सर्वे "Face of Global Sex Report" के अनुसार, विभिन्न देशों में लोग कितनी उम्र में अपनी वर्जिनिटी खोते हैं, इसमें काफी विविधता पाई जाती है। इस रिपोर्ट को The Daily Star द्वारा प्रकाशित किया गया है, जिसमें बताया गया है कि दुनिया के अलग-अलग देशों में पहली बार सेक्स की औसत उम्र कितनी है।

भारत में जहां यह औसत उम्र लगभग 22.9 वर्ष है, वहीं आइसलैंड में यह केवल 15.6 वर्ष है। इससे साफ है कि सामाजिक संरचना, पारिवारिक माहौल और यौन शिक्षा जैसी चीजें युवाओं के यौन निर्णयों को प्रभावित करती हैं।



🌍 दुनियाभर के देशों में वर्जिनिटी खोने की औसत उम्र की सूची (तालिका)

देश औसत उम्र (वर्ष)
🇲🇾 मलेशिया 23
🇮🇳 भारत 22.9
🇸🇬 सिंगापुर 22.8
🇨🇳 चीन 22.1
🇹🇭 थाईलैंड 20.5
🇭🇰 हांगकांग 20.2
🇻🇳 वियतनाम 19.7
🇳🇬 नाइजीरिया 19.7
🇯🇵 जापान 19.4
🇪🇸 स्पेन 19.2
🇮🇩 इंडोनेशिया 19.1
🇵🇱 पोलैंड 19
🇮🇹 इटली 18.9
🇹🇼 ताइवान 18.9
🇷🇺 रूस 18.7
🇲🇽 मैक्सिको 18.7
🇿🇦 साउथ अफ्रीका 18.7
🇫🇷 फ्रांस 18.5
🇬🇧 यूनाइटेड किंगडम 18.3
🇨🇭 स्विट्ज़रलैंड 18.2
🇨🇦 कनाडा 18.1
🇳🇱 नीदरलैंड 18.1
🇬🇷 ग्रीस 18.1
🇺🇸 अमेरिका 18
🇦🇺 ऑस्ट्रेलिया 17.9
🇹🇷 तुर्की 17.8
🇳🇿 न्यूजीलैंड 17.8
🇸🇰 स्लोवाकिया 17.8
🇩🇪 जर्मनी 17.6
🇧🇷 ब्राज़ील 17.4
🇮🇪 आयरलैंड 17.3
🇭🇷 क्रोएशिया 17.3
🇦🇹 ऑस्ट्रिया 17.3
🇨🇿 चेक गणराज्य 17.2
🇨🇱 चिली 17.2
🇧🇪 बेल्जियम 17.2
🇵🇹 पुर्तगाल 16.9
🇧🇬 बुल्गारिया 16.9
🇮🇱 इज़राइल 16.7
🇫🇮 फिनलैंड 16.5
🇳🇴 नॉर्वे 16.5
🇸🇪 स्वीडन 16.2
🇩🇰 डेनमार्क 16.1
🇮🇸 आइसलैंड 15.6

 क्यों अलग-अलग होती है उम्र?

हर देश की सामाजिक संरचना और पारिवारिक संस्कार अलग होते हैं। भारत जैसे देशों में जहां पारंपरिक सोच और विवाह से पहले यौन संबंध को गलत माना जाता है, वहां लोग देर से यह कदम उठाते हैं। वहीं यूरोप के देशों में यौन शिक्षा बचपन से दी जाती है, जिससे युवा जल्दी तैयार होते हैं और निर्णय ले पाते हैं।

इसके अलावा मीडिया, इंटरनेट की पहुंच, स्कूलों में दी जाने वाली शिक्षा और परिवार में खुलापन भी इस उम्र को प्रभावित करता है। देशों में जहां सेक्स को टैबू माना जाता है, वहां युवा दबाव में रहकर देरी से निर्णय लेते हैं, वहीं खुले समाजों में यह प्रक्रिया सहज और जल्दी होती है।

 यौन शिक्षा का महत्त्व

यौन शिक्षा न केवल पहली बार सेक्स करने की उम्र तय करती है, बल्कि यह लोगों को सुरक्षित और जिम्मेदार व्यवहार करने की जानकारी भी देती है। अगर बच्चों और युवाओं को सही उम्र में सही जानकारी दी जाए तो वे आत्मनिर्भर और समझदार निर्णय ले सकते हैं, जिससे अनचाहे गर्भ, यौन संक्रमण जैसी समस्याओं से बचा जा सकता है।

 निष्कर्ष

यह रिपोर्ट सिर्फ औसत उम्र को दर्शाती है, इसका मतलब यह नहीं कि किसी व्यक्ति को समाज के अनुसार ही निर्णय लेना चाहिए। हर व्यक्ति का शरीर और मानसिकता अलग होती है और उन्हें तब तक इंतजार करना चाहिए जब तक वे भावनात्मक, शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार न हों।

यौन संबंध बनाने का निर्णय एक व्यक्तिगत विकल्प है और इसे सामाजिक दबाव या तुलना से तय नहीं किया जाना चाहिए। सही जानकारी, शिक्षा और आत्मविश्वास ही एक स्वस्थ निर्णय की कुंजी है।