भारत का सख्त संदेश: अब आतंकी हमला यानि घोषित युद्ध
भारत सरकार ने हाल ही में आतंकी हमलों के प्रति अपने दृष्टिकोण को लेकर बड़ा ऐलान किया है। 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में 26 निर्दोष पर्यटक मारे गए और 40 से अधिक घायल हुए। इसके बाद भारत सरकार ने इसे केवल एक आतंकी घटना नहीं, बल्कि "घोषित युद्ध" की संज्ञा दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले के बाद देश को संबोधित करते हुए कहा कि अब भारत किसी भी आतंकी हमले को "Act of War" मानेगा और उसके अनुरूप कड़ी प्रतिक्रिया देगा। यह बयान न केवल भारत की आंतरिक सुरक्षा नीति में बदलाव दर्शाता है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत की नई रणनीति को प्रस्तुत करता है।
पहलगाम हमला: आतंकी हरकत या युद्ध का एलान?
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक पर्यटक बस को निशाना बनाकर IED विस्फोट किया गया। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली। यह हमला भारत में शांतिपूर्वक घूम रहे पर्यटकों पर किया गया, जिससे यह साफ है कि आतंकियों का उद्देश्य केवल डर फैलाना नहीं, बल्कि भारत की संप्रभुता को चुनौती देना था।
भारत सरकार ने इसे युद्ध का उल्लंघन बताया और कहा कि अब आतंकवाद को सिर्फ कानून-व्यवस्था का मुद्दा नहीं माना जाएगा, बल्कि यह एक राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता पर सीधा हमला है।
ऑपरेशन सिंदूर: भारत की जवाबी कार्रवाई
भारत ने इस हमले के बाद 7 मई 2025 को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के नाम से एक बड़े पैमाने पर सैन्य कार्रवाई की शुरुआत की। इस ऑपरेशन के तहत भारतीय वायुसेना और सेना ने पाकिस्तान के भीतर मौजूद आतंकवादी ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइल से हमले किए। इसमें जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के ठिकानों को टारगेट किया गया।
भारत ने यह भी स्पष्ट किया कि इन हमलों का उद्देश्य आतंकवाद के आधार ढांचे को नष्ट करना था, न कि पाकिस्तान की सेना या नागरिकों को नुकसान पहुंचाना।
ऑपरेशन अभ्यास: नागरिक सुरक्षा की नई तैयारी
भारत सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर के साथ-साथ 7 मई को ‘ऑपरेशन अभ्यास’ भी लॉन्च किया। इसके अंतर्गत पूरे देश के 244 जिलों में एक नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल आयोजित की गई। इसका उद्देश्य नागरिकों को संभावित आपातकालीन स्थितियों जैसे बम धमाके, जैविक हमले, या साइबर हमले से बचाव की ट्रेनिंग देना था।
इस ड्रिल में एनडीआरएफ, स्थानीय पुलिस और सिविल डिफेंस विभाग ने भाग लिया। इसका संदेश स्पष्ट था – अब केवल सेना ही नहीं, बल्कि आम नागरिक भी सुरक्षा का एक अभिन्न हिस्सा होंगे।
भारत की नई आतंकवाद नीति: युद्ध के समकक्ष जवाब
भारत सरकार ने इस पूरे घटनाक्रम के बाद अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा नीति में बदलाव का संकेत दिया है। अब प्रत्येक आतंकी हमले को केवल अपराध न मानकर, बल्कि युद्ध के एक अधिनियम के रूप में देखा जाएगा। इससे भारत को कूटनीतिक, सैन्य और आर्थिक स्तर पर कठोर जवाब देने का अधिकार मिलेगा।
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि अब यदि कोई राष्ट्र आतंकियों को शरण देता है या उनका समर्थन करता है, तो उसे भी आतंकवाद का जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
भारत-पाक संबंधों पर असर
इस नए दृष्टिकोण से भारत-पाक संबंधों में और तनाव बढ़ना तय है। पाकिस्तान सरकार ने भारत के "ऑपरेशन सिंदूर" को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया है। वहीं भारत ने संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक मंचों पर यह प्रमाण प्रस्तुत किया कि हमले केवल आतंकी ठिकानों पर किए गए थे।
यह पहली बार नहीं है जब भारत ने आतंकियों के खिलाफ सीमा पार कार्रवाई की हो। 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 की बालाकोट एयरस्ट्राइक इस दिशा में पहले के उदाहरण हैं। लेकिन इस बार की नीति अधिक स्पष्ट और आक्रामक है – "अब हर आतंकी हमला युद्ध के बराबर है।"
आतंकवाद के खिलाफ भारत की कार्रवाई का सारांश
दिनांक | घटना | स्थान | मुख्य बिंदु |
---|---|---|---|
22 अप्रैल 2025 | आतंकी हमला | पहलगाम, जम्मू-कश्मीर | 26 पर्यटक मारे गए, जैश-ए-मोहम्मद ने ली जिम्मेदारी |
7 मई 2025 | ऑपरेशन सिंदूर | पाकिस्तान अधिकृत क्षेत्र | आतंकवादी ठिकानों पर ड्रोन व मिसाइल हमला |
7 मई 2025 | ऑपरेशन अभ्यास (मॉक ड्रिल) | भारत के 244 जिले | नागरिक सुरक्षा को लेकर जागरूकता अभियान |
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, फ्रांस और रूस ने इस हमले की निंदा की और भारत के आत्मरक्षा के अधिकार को समर्थन दिया। अमेरिका ने कहा कि किसी भी राष्ट्र को अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का पूरा अधिकार है। वहीं, चीन ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की।
यह दर्शाता है कि भारत की नीति को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर व्यापक समर्थन मिल रहा है, खासकर जब वह आतंकवाद से निपटने के लिए आक्रामक रुख अपनाता है।
निष्कर्ष: आतंकवाद के खिलाफ भारत की नई परिभाषा
भारत अब आतंकवाद को केवल एक सुरक्षा चुनौती नहीं, बल्कि संप्रभुता और अस्तित्व के लिए खतरा मानता है। इसीलिए सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि कोई भी आतंकी हमला अब युद्ध के रूप में देखा जाएगा, और उसका उत्तर भी युद्ध स्तर पर ही दिया जाएगा।
इससे भारत की आतंकवाद-रोधी नीति को नई दिशा और स्पष्टता मिली है, जो न केवल देशवासियों में आत्मविश्वास बढ़ाती है, बल्कि दुनिया को भी यह संदेश देती है कि भारत अब सिर्फ सहन नहीं करेगा, बल्कि प्रतिउत्तर देगा – और वह भी निर्णायक रूप से।