टीवी डिबेट्स अब एक लोकतांत्रिक चर्चा का मंच नहीं बल्कि राजनीतिक दलों के बीच जहर उगलने का अखाड़ा बनते जा रहे हैं। हाल ही में आजतक न्यूज़ चैनल पर हुई एक बहस के दौरान कुछ ऐसा हुआ जिसने देशभर में राजनीतिक बहस की गरिमा को सवालों के कटघरे में ला खड़ा किया है। दरअसल, इस बहस में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रवक्ता प्रेम शुक्ला ने कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत को अपशब्द कहे, जिसमें उन्होंने “तेरी माँ र#%डी है” जैसी गाली का प्रयोग किया।
यह घटना कैमरे पर रिकॉर्ड हुई और सोशल मीडिया पर इसका वीडियो तेजी से वायरल हो गया। इस अपमानजनक बयान के बाद कांग्रेस नेताओं और कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने प्रेम शुक्ला की निंदा करते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की। विपक्षी दलों ने इसे भाजपा की मानसिकता का प्रतीक बताते हुए मीडिया में संयम और शिष्टाचार की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। कई लोगों ने सवाल उठाया कि क्या अब टीवी चैनलों की बहसें जनता की समस्याओं पर चर्चा करने की जगह, गाली-गलौज और व्यक्तिगत हमलों का केंद्र बन गई हैं?
इस घटना के बाद कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने भी ट्वीट करते हुए इसे 'शर्मनाक' बताया और कहा कि यह भाजपा के संस्कारों की सच्चाई है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा के प्रवक्ता बहस में मुद्दों पर बात करने के बजाय व्यक्तिगत स्तर पर उतर आते हैं, जो लोकतंत्र की मर्यादा के खिलाफ है।
अब सवाल उठता है कि क्या इस तरह के बयानों पर न्यूज़ चैनल्स और प्रसारण नियामक कोई सख्त कार्रवाई करेंगे? क्या इस तरह की बहसों को रोकने के लिए कोई आचार संहिता बनेगी? यह घटना केवल एक व्यक्ति विशेष की अभद्रता नहीं है, बल्कि यह उस गिरते हुए राजनीतिक और मीडिया स्तर की भी निशानी है जिसे सुधारने की सख्त ज़रूरत है।
इस विवाद ने न केवल भाजपा प्रवक्ता प्रेम शुक्ला को कठघरे में खड़ा किया है, बल्कि आजतक चैनल की निष्पक्षता और गरिमा पर भी प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। अब देखना यह होगा कि क्या इस पर माफी मांगी जाएगी या राजनीतिक दल इसे भी चुनावी हथियार बना लेंगे।