रामनगरी अयोध्या में मांस-मछली की बिक्री पर प्रतिबंध: योगी सरकार का बड़ा फैसला

अयोध्या एक बार फिर से धार्मिक आस्था और संस्कृति की सुरक्षा के कारण सुर्खियों में है। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए रामनगरी अयोध्या में मांस-मछली (नॉनवेज) की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। अब रामपथ, धर्मपथ, भक्तिपथ, 14 कोसी परिक्रमा मार्ग और पंचकोसी परिक्रमा मार्ग जैसे पवित्र क्षेत्रों में मांस या मछली बेचना पूरी तरह से वर्जित होगा। यह निर्णय धार्मिक भावनाओं की रक्षा और आध्यात्मिक वातावरण को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए लिया गया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा है कि इन पवित्र मार्गों पर धार्मिक वातावरण को किसी भी प्रकार से बाधित नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने आदेश जारी किया है कि इन मार्गों पर स्थित मांस-मछली बेचने वाले सभी दुकानदारों को सात दिनों के भीतर अपनी दुकानें हटानी होंगी। इस निर्णय का उद्देश्य अयोध्या को एक पवित्र और आदर्श धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करना है, जहां हर श्रद्धालु को भक्ति, शांति और संस्कृति का अनुभव मिल सके।



नगर निगम की कार्यकारी समिति ने इस प्रस्ताव को पारित किया है, जिसमें मेयर गिरीशपति त्रिपाठी, डिप्टी मेयर और कुल 12 पार्षद शामिल हैं। इस समिति ने सर्वसम्मति से मांस और शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया। इस क्षेत्र में केवल एक मुस्लिम पार्षद सुल्तान अंसारी हैं जो भारतीय जनता पार्टी (BJP) से चुने गए हैं, और उन्होंने भी इस निर्णय का समर्थन किया।

यह प्रतिबंध रामपथ के 14 किलोमीटर के दायरे में लागू होगा, जो श्रीराम जन्मभूमि से लेकर अन्य धार्मिक स्थलों तक फैला हुआ है। इस निर्णय के तहत न सिर्फ मांस और शराब बल्कि गुटखा, बीड़ी, सिगरेट और आपत्तिजनक विज्ञापनों को भी पूरी तरह से हटाने का निर्देश दिया गया है। अयोध्या की धार्मिक गरिमा को बनाए रखने के लिए इस प्रकार का कठोर निर्णय योगी सरकार की धार्मिक और सांस्कृतिक नीतियों का हिस्सा है।

राम मंदिर निर्माण के बाद अयोध्या में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। ऐसे में सरकार का मानना है कि श्रद्धालुओं को शुद्ध और सात्विक वातावरण मिलना चाहिए। मांस-मछली जैसी वस्तुओं की बिक्री उस माहौल को दूषित करती है और धार्मिक भावनाओं को आहत कर सकती है। इसलिए यह निर्णय न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि पर्यटन और स्थानीय विकास की दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले भी कई बार यह स्पष्ट किया है कि अयोध्या को भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया का एक प्रमुख आध्यात्मिक केंद्र बनाया जाएगा। राम मंदिर का निर्माण, श्री हनुमान कथा मंडपम का उद्घाटन और अब यह मांस-मछली पर प्रतिबंध – ये सभी कदम उसी दिशा में उठाए गए हैं। सरकार का मानना है कि जब तक आध्यात्मिकता और संस्कृति को प्राथमिकता नहीं दी जाएगी, तब तक कोई भी शहर धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से विकसित नहीं हो सकता।

यह निर्णय निश्चित रूप से अयोध्या के स्वरूप को पूरी तरह बदल देगा। यहां अब एक ऐसा वातावरण विकसित होगा जहां आस्था और श्रद्धा सर्वोपरि होंगी। यह न केवल स्थानीय लोगों के लिए बल्कि देश भर के श्रद्धालुओं के लिए भी एक सशक्त संदेश है कि भारत की धार्मिक परंपराओं का सम्मान हर हाल में किया जाएगा।

योगी सरकार का यह कदम एक बार फिर यह साबित करता है कि रामराज्य की संकल्पना को साकार करने की दिशा में अयोध्या सबसे महत्वपूर्ण केंद्र बन चुका है। धार्मिक पवित्रता, सामाजिक अनुशासन और सांस्कृतिक जागरूकता के साथ अयोध्या का नव निर्माण हो रहा है और आने वाले समय में यह विश्व स्तर पर अपनी आध्यात्मिक पहचान को और मजबूती से स्थापित करेगा।