पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में स्थित सुराब शहर में एक बार फिर से हिंसा और विद्रोह की लहर देखने को मिली है। बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने दावा किया है कि उन्होंने सुराब शहर पर नियंत्रण कर लिया है, जो एक रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण शहर है और जिसकी आबादी लगभग 40,000 है। इस दावे ने न केवल पाकिस्तान सरकार को चिंता में डाल दिया है, बल्कि पूरे दक्षिण एशियाई क्षेत्र में सुरक्षा हालात पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
BLA के अनुसार, उनके लड़ाकों ने पुलिस थानों, सरकारी भवनों और बैंकों को अपने कब्जे में ले लिया है और कई जगहों पर आगजनी की घटनाएं भी हुई हैं। साथ ही, उन्होंने यह भी बताया है कि उन्होंने क्वेटा-कराची हाईवे जैसे प्रमुख मार्गों पर चेकपोस्ट बनाकर गश्त शुरू कर दी है। यह सड़क पाकिस्तान के लिए रणनीतिक रूप से बहुत अहम मानी जाती है क्योंकि यही मार्ग चीन के शिनजियांग प्रांत से ग्वादर बंदरगाह तक व्यापार का मुख्य रास्ता है।
सुराब में यह हमला अचानक नहीं हुआ। पिछले कुछ समय से बलूचिस्तान में BLA की गतिविधियां तेज़ होती जा रही हैं। हाल ही में उन्होंने कई सैन्य और पुलिस ठिकानों पर हमले किए हैं, जिससे पाकिस्तान की सरकार और सेना पर दबाव बढ़ता जा रहा है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, इस हमले के दौरान एक सरकारी अधिकारी हिदायत बुलैदी की मौत हो गई, जब वे एक जलते हुए घर में फंसे लोगों को बचाने की कोशिश कर रहे थे। इसके अलावा चार अन्य नागरिक भी घायल हुए हैं।
हालांकि पाकिस्तान की पुलिस ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा है कि जैसे ही सुरक्षाबलों ने इलाके में पहुंच बनाई, BLA के लड़ाके पीछे हट गए। लेकिन स्थानीय लोगों और कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, विद्रोहियों ने कुछ देर के लिए सही मायनों में शहर के कई हिस्सों पर नियंत्रण हासिल कर लिया था। इससे पाकिस्तान के आंतरिक सुरक्षा ढांचे पर भी सवाल उठ रहे हैं।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ ने इस हमले की निंदा करते हुए इसे आम नागरिकों पर हमला बताया है, जिसमें महिलाओं और बच्चों को भी निशाना बनाया गया। बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता ने आरोप लगाया है कि इस हमले के पीछे भारत का हाथ है, हालांकि अभी तक इस दावे को लेकर कोई ठोस सबूत सामने नहीं आया है।
बलूच लिबरेशन आर्मी लंबे समय से बलूचिस्तान की स्वतंत्रता की मांग कर रही है। उनका मानना है कि पाकिस्तान सरकार इस क्षेत्र के संसाधनों का शोषण कर रही है और यहां के लोगों को उनके अधिकारों से वंचित कर रही है। इसी असंतोष के चलते यह संगठन सशस्त्र संघर्ष की राह पर है और लगातार पाकिस्तान सरकार के खिलाफ हमले कर रहा है।
इस घटना के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि बलूचिस्तान में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। BLA जैसे संगठनों की बढ़ती ताकत और आत्मविश्वास पाकिस्तान की अखंडता के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रहा है। सुराब की यह घटना एक चेतावनी है कि यदि जल्द ही प्रभावी कदम नहीं उठाए गए, तो पाकिस्तान के लिए स्थिति और अधिक विस्फोटक हो सकती है।
बलूचिस्तान का यह ताज़ा घटनाक्रम न केवल पाकिस्तान के लिए बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा के लिहाज़ से भी चिंताजनक है। आने वाले समय में इस पर दुनिया की नजरें टिकी रहेंगी कि पाकिस्तान इस आंतरिक चुनौती से किस तरह निपटता है।