फ्रांस ने भारत की UNSC स्थायी सदस्यता का किया समर्थन, तेजस मार्क 2 और Safran के साथ रक्षा साझेदारी को लेकर भी बढ़ी उम्मीदें

भारत और फ्रांस के बीच द्विपक्षीय संबंधों में एक नया मोड़ तब आया जब फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत को स्थायी सदस्यता दिए जाने के मुद्दे पर खुलकर समर्थन जताया। राष्ट्रपति मैक्रों ने स्पष्ट रूप से कहा कि अब समय आ गया है कि संयुक्त राष्ट्र को और अधिक प्रभावी तथा प्रतिनिधित्वकारी बनाया जाए, और इसके लिए UNSC का विस्तार जरूरी है। इस विस्तार में भारत के साथ-साथ जर्मनी, जापान, ब्राजील और दो अफ्रीकी देशों को स्थायी सदस्यता दिए जाने की वकालत की गई है। फ्रांस का यह समर्थन भारत की वैश्विक भूमिका को और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

भारत लंबे समय से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता की मांग करता रहा है, और फ्रांस जैसे शक्तिशाली देश का समर्थन इस दिशा में भारत की स्थिति को मजबूत करता है। यह समर्थन सिर्फ कूटनीतिक स्तर पर नहीं, बल्कि सामरिक और रक्षा सहयोग के क्षेत्र में भी दिखाई दे रहा है। फ्रांस और भारत के बीच रक्षा क्षेत्र में गहराते संबंध इसका एक बड़ा प्रमाण हैं।



हाल ही में भारत ने फ्रांसीसी एयरोस्पेस कंपनी Safran के साथ मिलकर अगली पीढ़ी के फाइटर जेट इंजन के निर्माण की संभावनाएं तलाशनी शुरू की हैं। यह इंजन 110kN से 130kN थ्रस्ट क्लास का होगा, जिसे भारत के आगामी एडवांस मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) और भविष्य के तेजस वेरिएंट्स में उपयोग किया जा सकेगा। यह साझेदारी भारत की 'मेक इन इंडिया' पहल को मजबूती देने के साथ-साथ आत्मनिर्भर भारत की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। Safran और भारत के बीच यह तकनीकी सहयोग भारतीय वायुसेना की ताकत को और अधिक बढ़ा सकता है।

इसके अलावा, भारत तेजस मार्क 2 फाइटर जेट प्रोजेक्ट में फ्रांस की सहभागिता की संभावनाएं भी तलाश रहा है। तेजस का यह नया संस्करण तकनीकी रूप से अधिक उन्नत होगा और भारत की रक्षा क्षमताओं में बड़ा इजाफा करेगा। फ्रांस के साथ मिलकर भारत इस परियोजना में इंजन, रडार सिस्टम, एविओनिक्स और अन्य प्रमुख तकनीकी घटकों के निर्माण की योजना बना रहा है। यह परियोजना भारत की घरेलू रक्षा उत्पादन क्षमताओं को न केवल बढ़ाएगी, बल्कि विदेशी निर्भरता को भी कम करेगी।

इसके अतिरिक्त, भारत और फ्रांस मिलकर अगली पीढ़ी के हेलीकॉप्टर इंजनों, उन्नत रडार प्रणालियों और प्रिसिशन-गाइडेड हथियारों के निर्माण पर भी कार्य कर रहे हैं। यह सहयोग दोनों देशों के बीच रक्षा क्षेत्र में एक दीर्घकालिक और रणनीतिक साझेदारी को दर्शाता है।

इस तरह फ्रांस और भारत के बीच बढ़ता यह बहुआयामी सहयोग न केवल वैश्विक राजनीति में भारत की भूमिका को मजबूत करता है, बल्कि रक्षा क्षेत्र में तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में भी एक बड़ा कदम है। फ्रांस का खुला समर्थन भारत की UNSC स्थायी सदस्यता की मांग को नई गति देगा और दोनों देशों के बीच कूटनीतिक, सामरिक और आर्थिक संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।

निष्कर्षतः, फ्रांस और भारत के बीच गहराता यह सहयोग आने वाले वर्षों में वैश्विक राजनीति और रक्षा क्षेत्र में बड़े परिवर्तन ला सकता है। यह साझेदारी न केवल भारत की वैश्विक स्थिति को सुदृढ़ करेगी, बल्कि सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता की राह भी प्रशस्त कर सकती है।


यह ब्लॉग SEO के अनुकूल लिखा गया है और इसमें मुख्य कीवर्ड जैसे "UNSC में भारत की स्थायी सदस्यता", "भारत-फ्रांस रक्षा साझेदारी", "Safran और तेजस मार्क 2", और "भारत फ्रांस रक्षा सहयोग" का उपयोग किया गया है ताकि यह सर्च इंजन में बेहतर रैंक कर सके।