मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता मनोहरलाल धाकड़ का एक अश्लील वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद राज्य की राजनीति में भूचाल आ गया है। यह वीडियो दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर लगे एक सीसीटीवी कैमरे से रिकॉर्ड हुआ बताया जा रहा है। वीडियो में एक कार रुकती हुई दिखाई देती है, जिसके अंदर से एक निर्वस्त्र महिला बाहर आती है और फिर मनोहरलाल धाकड़ के साथ सार्वजनिक स्थान पर अनुचित गतिविधियों में लिप्त होती नजर आती है। यह घटना 13 मई 2024 की बताई जा रही है और इस क्लिप के सामने आते ही सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं शुरू हो गई हैं।
घटना के सामने आने के बाद मंदसौर पुलिस ने तत्काल संज्ञान लेते हुए मनोहरलाल धाकड़ के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। धाकड़ की पत्नी स्वयं मंदसौर जिले की जिला पंचायत सदस्य हैं और यह मामला उनके राजनीतिक परिवार की छवि को भी गंभीर नुकसान पहुंचा रहा है। पुलिस का कहना है कि कानून सभी पर समान रूप से लागू होता है और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। फिलहाल धाकड़ फरार हैं और उनका मोबाइल नंबर भी बंद आ रहा है। पुलिस उन्हें पकड़ने के लिए लगातार प्रयास कर रही है।
इस वीडियो के सामने आते ही धाकड़ महासभा युवा संघ ने मनोहरलाल धाकड़ को उनके राष्ट्रीय महासचिव के पद से बर्खास्त कर दिया है। साथ ही, भाजपा की ओर से भी आधिकारिक बयान में यह स्पष्ट कर दिया गया है कि मनोहरलाल धाकड़ पार्टी के सक्रिय सदस्य नहीं हैं और उन्होंने केवल ऑनलाइन माध्यम से प्राथमिक सदस्यता ली थी। भाजपा ने स्वयं को इस पूरे विवाद से अलग करते हुए यह भी कहा है कि पार्टी ऐसे किसी भी अनैतिक और अशोभनीय कृत्य का समर्थन नहीं करती।
इस वीडियो के प्रसारित होने के बाद सोशल मीडिया पर तीखी आलोचना शुरू हो गई है। ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म पर लोगों ने इस कृत्य की निंदा करते हुए आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। कई लोगों ने यह सवाल भी उठाया कि ऐसे लोगों को राजनीतिक दलों में स्थान क्यों दिया जाता है और जनता से जुड़े प्रतिनिधि आखिर इस प्रकार की हरकतें कैसे कर सकते हैं।
पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि यह वीडियो पूरी तरह से सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हुआ है और इसके जरिए यह साबित हो चुका है कि वीडियो में दिख रहा व्यक्ति मनोहरलाल धाकड़ ही है। अधिकारियों ने यह भी कहा है कि वीडियो की सत्यता की पुष्टि के बाद ही कानूनी कार्रवाई की गई है और अब वह IPC की गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर पूरी तरह से तहकीकात कर रहे हैं।
यह घटना न सिर्फ भाजपा के लिए बल्कि पूरे राजनीतिक तंत्र के लिए शर्मनाक है। नेताओं को जनता के लिए आदर्श बनना चाहिए लेकिन ऐसे मामलों से राजनीति और लोकतंत्र दोनों की छवि धूमिल होती है। यह मामला एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या राजनीतिक दलों को अपने उम्मीदवारों के चरित्र और नैतिक मूल्यों की जांच पहले नहीं करनी चाहिए? साथ ही, क्या जनता को ऐसे नेताओं को सबक सिखाने के लिए उनके खिलाफ एकजुट होकर आवाज नहीं उठानी चाहिए?
फिलहाल पुलिस इस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और उम्मीद की जा रही है कि दोषियों को कानून के मुताबिक सख्त सजा मिलेगी। जनता और सामाजिक संगठनों की नजर अब इस केस की जांच और न्यायिक प्रक्रिया पर टिकी हुई है। अगर दोषियों को सजा मिलती है तो यह समाज के लिए एक सकारात्मक संदेश होगा कि चाहे कोई भी व्यक्ति हो, कानून सभी के लिए बराबर है।