👋 Join Us पाकिस्तान में आतंकी नेटवर्क में मचा हड़कंप: ISI ब्रिगेडियर आमिर हमजा की रहस्यमयी हत्या से खुला राज

पाकिस्तान में आतंकी नेटवर्क में मचा हड़कंप: ISI ब्रिगेडियर आमिर हमजा की रहस्यमयी हत्या से खुला राज

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित झेलम जिले में हाल ही में एक बड़ी घटना सामने आई है, जिसने पाकिस्तान के खुफिया और आतंकी नेटवर्क में खलबली मचा दी है। इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) से जुड़ा और भारतीय हितों के खिलाफ कई साजिशों में शामिल रहा सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर आमिर हमजा अज्ञात हमलावरों की गोलीबारी में मारा गया है। आमिर हमजा को पाकिस्तान की सेना और आईएसआई का प्रमुख रणनीतिकार माना जाता था, जो खासतौर पर भारत विरोधी गतिविधियों में सक्रिय था।

इस सनसनीखेज हमले में आमिर हमजा अपनी कार से यात्रा कर रहा था, तभी चार अज्ञात हमलावर मोटरसाइकिलों पर आए और अचानक उस पर गोलियों की बौछार कर दी। इस हमले में आमिर हमजा की मौके पर ही मौत हो गई जबकि उसकी पत्नी और बेटी गंभीर रूप से घायल हो गईं। हमले की यह वारदात झेलम जिले में दिनदहाड़े हुई, जिससे पूरे इलाके में दहशत फैल गई और सुरक्षा एजेंसियों के हाथ-पैर फूल गए



ब्रिगेडियर आमिर हमजा वही शख्स था, जिसे भारत में 2018 में हुए जम्मू के सुंजवान आर्मी कैंप हमले का मास्टरमाइंड माना जाता है। इस हमले में भारत के छह बहादुर जवान शहीद हो गए थे। इस हमले के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI का हाथ माना गया था और आमिर हमजा को इस ऑपरेशन का मुख्य योजनाकार बताया गया था। ऐसे में उसकी रहस्यमयी हत्या सिर्फ एक निजी रंजिश नहीं बल्कि किसी बड़ी साजिश का हिस्सा मानी जा रही है।

इससे पहले अप्रैल 2024 में, पाकिस्तान के लाहौर में एक और बड़ा मामला सामने आया था, जहां आतंकी और अंडरवर्ल्ड डॉन आमिर सरफराज उर्फ तंबा को भी अज्ञात हमलावरों ने मार गिराया था। तंबा वही व्यक्ति था, जिसे भारत के नागरिक सरबजीत सिंह की हत्या का आरोपी माना जाता था। तंबा को लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख हाफिज सईद का करीबी सहयोगी भी बताया जाता है। इन दोनों घटनाओं ने पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क में बौखलाहट और डर का माहौल पैदा कर दिया है।

आशंका यह जताई जा रही है कि पाकिस्तान के भीतर कोई अज्ञात ताकतें या गुट, जो इन आतंकी नेटवर्क से परेशान हैं, अब इन्हें निशाना बना रहे हैं। पाकिस्तान की पुलिस और खुफिया एजेंसियां इन घटनाओं में अब तक किसी भी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच पाई हैं। दोनों ही मामलों में हत्यारे कौन थे, इसका कोई सुराग नहीं मिल पाया है।

यह भी ध्यान देने योग्य बात है कि आमिर हमजा और तंबा जैसे लोग पाकिस्तान की उस साजिशी संरचना का हिस्सा रहे हैं, जो भारत में आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए लंबे समय से काम कर रही थी। इनकी मौत न केवल पाकिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ संभावित अंदरूनी विद्रोह को दर्शाती है, बल्कि भारत के लिए भी एक राहत की खबर मानी जा रही है।

अभी तक पाकिस्तान सरकार या सेना की ओर से इन हत्याओं पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, जिससे इन घटनाओं की रहस्यमयता और गहराती जा रही है। सुरक्षा विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले समय में पाकिस्तान में ऐसे और भी हमले हो सकते हैं, क्योंकि कई आतंकी और खुफिया अधिकारियों के खिलाफ गुस्सा और बदले की भावना पनप रही है।

इन घटनाओं से एक बात तो साफ हो गई है कि पाकिस्तान में आतंकी नेटवर्क अब सुरक्षित नहीं हैं और उन्हें अब खुद अपने ही देश में अंजान खतरे का डर सता रहा है। आमिर हमजा की हत्या ने यह साबित कर दिया है कि आतंक फैलाने वाले खुद अब डर के साये में जीने को मजबूर हैं।