अफगानिस्तान को भारत की ओर से मिली मानवीय सहायता: 11,000 टीकों की आपातकालीन खेप पहुंची काबुल

भारत एक बार फिर मानवीय मूल्यों की मिसाल बनकर सामने आया है। अफगानिस्तान में चल रहे गहरे मानवीय संकट और चिकित्सा सेवाओं की बदहाली के बीच भारत ने तुरंत सहायता भेजते हुए 11,000 टीकों की खेप अफगानिस्तान को उपलब्ध कराई है। इस आपातकालीन मानवीय सहायता में 5,500 इन्फ्लुएंजा वैक्सीन और 5,500 मेनिन्जाइटिस वैक्सीन शामिल हैं। अफगान सरकार ने भारत की इस सहायता के लिए सार्वजनिक रूप से धन्यवाद दिया और इसे हजारों अफगान नागरिकों की जान बचाने वाला कदम बताया।



यह टीके अफगानिस्तान के लिए ऐसे समय में पहुंचे हैं जब देश गंभीर स्वास्थ्य संकट का सामना कर रहा है। चिकित्सा आपूर्ति की भारी कमी, डॉक्टरों की सीमित संख्या और स्वास्थ्य सेवाओं के ढहते ढांचे ने वहां की आम जनता के लिए जीवनयापन बेहद कठिन बना दिया है। ऐसे समय में भारत द्वारा भेजी गई ये वैक्सीन न केवल राहत लेकर आई हैं, बल्कि दोनों देशों के ऐतिहासिक संबंधों को और भी मजबूत करती हैं।

भारत ने केवल इन 11,000 टीकों तक अपनी मानवीय सहायता सीमित नहीं रखी है। इसके पहले भी भारत अफगानिस्तान को 50,000 टन गेहूं, 300 टन दवाएं, 27 टन भूकंप राहत सामग्री, 40,000 लीटर कीटनाशक, 100 मिलियन पोलियो की खुराक, 1.5 मिलियन कोविड-19 टीके, 11,000 स्वच्छता किट, 500 यूनिट सर्दियों के कपड़े और 1.2 टन स्टेशनरी किट प्रदान कर चुका है। यह भारत की उस नीति को दर्शाता है जिसमें वह संकट के समय मानवता के पक्ष में खड़ा रहता है।



अफगानिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि भारत से प्राप्त ये टीके देश के लिए जीवनदायी साबित होंगे। विशेष रूप से इन टीकों की जरूरत उन हजारों बच्चों और बुजुर्गों को है जो कुपोषण, ठंड और असुरक्षित वातावरण के चलते बार-बार बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। मंत्रालय ने भारत की त्वरित प्रतिक्रिया की सराहना करते हुए कहा कि यह सहयोग केवल चिकित्सा नहीं बल्कि विश्वास का प्रतीक है।

भारत और अफगानिस्तान के संबंध सदियों पुराने हैं। यह दोनों देशों की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत से जुड़े हुए हैं। भारत ने हमेशा अफगान जनता की मदद के लिए कदम बढ़ाया है, चाहे वह शिक्षा के क्षेत्र में छात्रवृत्ति हो, अस्पताल निर्माण हो या खाद्य आपूर्ति की सहायता। हालिया वैक्सीन सहायता ने इस दोस्ती को एक नई मजबूती दी है।

भारत का यह कदम वैश्विक स्तर पर भी एक उदाहरण प्रस्तुत करता है कि कैसे एक जिम्मेदार देश, मानवीय आपात स्थिति में त्वरित और प्रभावी सहायता प्रदान कर सकता है। जहां दुनिया के बड़े-बड़े देश आपसी राजनीति और रणनीतिक हितों में उलझे हुए हैं, वहीं भारत ने बिना किसी शर्त के मानवीय सहायता का हाथ बढ़ाकर अफगानिस्तान की जनता का दिल जीत लिया है।

अफगानिस्तान के वर्तमान हालात को देखते हुए यह स्पष्ट है कि आने वाले समय में भारत की ऐसी सहायता और भी महत्वपूर्ण हो सकती है। भारत का यह मानवीय रुख न केवल कूटनीतिक संबंधों को मजबूती देगा, बल्कि दक्षिण एशिया में सहयोग और भाईचारे की भावना को भी बढ़ावा देगा। अफगान सरकार और वहां की जनता द्वारा इस सहायता के लिए भारत को धन्यवाद देना, इस रिश्ते की गहराई और मजबूती का प्रमाण है।