रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में एक सनसनीखेज घोषणा करते हुए बताया कि रूस अब यूक्रेन के खिलाफ अपनी नई हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल ‘ओरेश्निक’ (Oreshnik Warheads) का प्रयोग करने जा रहा है। इस बयान के साथ ही वैश्विक मंच पर हलचल तेज हो गई है, क्योंकि इस मिसाइल की मारक क्षमता इतनी अधिक है कि इसके फटने पर तापमान 4000 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। पुतिन ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि पश्चिम की कठपुतली ज़ेलेंस्की और उसके सहयोगी देशों ने रूस को उकसाया तो परिणाम अत्यंत विनाशकारी होंगे।
ओरेश्निक एक हाइपरसोनिक मिसाइल है जो लगभग 3,000 किमी/घंटा की रफ्तार से आगे बढ़ती है। यह इतनी तेज है कि रडार और डिफेंस सिस्टम के लिए इसे पहचानना और रोकना लगभग असंभव है। पुतिन के अनुसार, इस मिसाइल का प्रभाव इतना भयानक है कि इसके फटने से उत्पन्न गर्मी हर वस्तु को राख में बदल सकती है। यह मिसाइल पारंपरिक हथियारों से कहीं ज्यादा शक्तिशाली है और एक बार जब इसे लॉन्च किया जाता है, तो इसका प्रभाव क्षेत्र पूरी तरह नष्ट हो जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह हथियार पश्चिमी देशों के लिए भी एक सीधा और गंभीर संदेश है।
राष्ट्रपति पुतिन ने यह भी कहा कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने जो भी निर्णय रूस के खिलाफ लिए हैं, उनका उन्हें पछतावा होगा। पुतिन ने चेतावनी दी कि रूस की प्रतिक्रिया निर्दयी और संपूर्ण होगी। उन्होंने यह भी कहा कि यदि पश्चिमी देश यूक्रेन को अधिक सैन्य समर्थन देना जारी रखते हैं, तो रूस के पास ऐसी मिसाइलें हैं जो किसी भी पश्चिमी देश के सैन्य ठिकानों को भी निशाना बना सकती हैं।
ओरेश्निक मिसाइल की यह घोषणा ऐसे समय पर आई है जब रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष तेज होता जा रहा है। इस हथियार की तैनाती का मतलब है कि रूस अब एक नए चरण में प्रवेश कर चुका है जहां वह सिर्फ रक्षा नहीं बल्कि आक्रामकता के रास्ते पर भी है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मिसाइल न केवल सैन्य क्षमता का प्रदर्शन है बल्कि एक मनोवैज्ञानिक हथियार भी है जो विरोधियों में भय पैदा करता है।
रूस की यह रणनीति स्पष्ट रूप से वैश्विक शक्तियों के लिए एक संदेश है कि वह अब और अधिक सख्ती से अपने हितों की रक्षा करेगा। पुतिन द्वारा इस मिसाइल का उल्लेख करना यह भी दर्शाता है कि आने वाले दिनों में यूक्रेन युद्ध और अधिक उग्र हो सकता है। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए यह आवश्यक हो गया है कि वह इस बढ़ते खतरे को गंभीरता से ले और त्वरित समाधान की दिशा में कदम उठाए।
इस तरह रूस की ओरेश्निक मिसाइल न केवल यूक्रेन के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए चिंता का विषय बन चुकी है। यह देखना बेहद अहम होगा कि अब वैश्विक राजनीति इस नई सैन्य चुनौती का कैसे जवाब देती है।