ऑपरेशन सिंदूर: फर्जी खबरों से बिगड़ी रणनीति, 2000 से ज्यादा बांग्लादेशी घुसपैठिए निष्कासित – CDS अनिल चौहान का बड़ा खुलासा

भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने हाल ही में एक बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान भारतीय सेना का 15 प्रतिशत समय फर्जी खबरों और भ्रामक सूचनाओं का खंडन करने में बर्बाद हुआ। यह बयान सिंगापुर में आयोजित शांगरी-ला डायलॉग के दौरान दिया गया, जहां उन्होंने बताया कि कैसे ऑपरेशन सिंदूर एक मल्टी-डोमेन, नॉन-कॉन्टैक्ट युद्ध का उदाहरण था और इसमें सूचना युद्ध, साइबर हमलों और फर्जी प्रचार जैसी चुनौतियों से भी निपटना पड़ा।



जनरल चौहान ने कहा कि फर्जी खबरें बेहद तेजी से लोगों की धारणा को प्रभावित करती हैं और इसीलिए सेना को बार-बार सफाई देनी पड़ती है, जिससे सैन्य ऑपरेशनों पर असर पड़ता है। उन्होंने यह भी कहा कि यह सूचना युद्ध इतना गंभीर था कि सेना को हर स्तर पर डैमेज कंट्रोल करना पड़ा। यह केवल दुश्मन के हथियारों से लड़ने की बात नहीं थी, बल्कि मानसिक और मनोवैज्ञानिक युद्ध भी एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आया।

'ऑपरेशन सिंदूर' केवल सीमा पर लड़ाई तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसके जरिये भारत ने आंतरिक सुरक्षा और अवैध घुसपैठ के खिलाफ भी एक निर्णायक कदम उठाया। जनरल चौहान के अनुसार, इस ऑपरेशन के तहत भारत ने अब तक 2000 से अधिक अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को उनके देश वापस भेजा है। इनमें से कई ने खुद स्वेच्छा से देश छोड़ने का निर्णय लिया, क्योंकि उन्हें गिरफ्तारी और निष्कासन का डर था। यह निष्कासन अभियान असम, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल जैसे सीमावर्ती राज्यों में तेजी से चलाया गया।

जनरल चौहान ने यह भी खुलासा किया कि ऑपरेशन के शुरुआती चरण में भारतीय वायुसेना को कुछ नुकसान झेलना पड़ा, लेकिन इसके बाद रणनीति में बदलाव किया गया और भारतीय सेनाओं ने पाकिस्तान के भीतर गहरे और सटीक हमले किए। उन्होंने पाकिस्तान के उन दावों को भी खारिज किया, जिसमें कहा गया था कि उन्होंने कई भारतीय विमानों को मार गिराया। जनरल चौहान ने बताया कि भारत ने तकनीकी रूप से उन्नत रणनीतियों का प्रयोग कर पाकिस्तान के सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया और उसे गंभीर क्षति पहुंचाई।

सीडीएस चौहान ने इस मौके पर यह भी कहा कि भारत अब पारंपरिक युद्ध की सीमाओं से आगे निकलकर आधुनिक, नेटवर्क आधारित और स्वदेशी क्षमताओं पर आधारित रक्षा प्रणाली विकसित कर रहा है। उनका मानना है कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत भारत की सेना अब तेजी से तकनीकी और मानसिक रूप से तैयार हो रही है ताकि हर तरह के युद्ध का सामना प्रभावी ढंग से किया जा सके।

इस पूरे घटनाक्रम से यह स्पष्ट है कि 'ऑपरेशन सिंदूर' भारत की सैन्य रणनीति, सूचना सुरक्षा और आंतरिक स्थिरता के लिए एक निर्णायक मोड़ साबित हुआ है। फर्जी खबरों से जहां सेना को अतिरिक्त चुनौतियों का सामना करना पड़ा, वहीं अवैध घुसपैठ पर सख्त कार्रवाई कर भारत ने अपनी सुरक्षा नीति को और मजबूत किया है।