👋 Join Us ईरान में उथल-पुथल: सरकार विरोधी गतिविधियों पर कड़ी कार्रवाई

ईरान में उथल-पुथल: सरकार विरोधी गतिविधियों पर कड़ी कार्रवाई

ईरान इस समय गंभीर आंतरिक संकट का सामना कर रहा है। इज़राइल के साथ हाल ही में हुए 12-दिवसीय युद्ध के बाद देश के अंदर असंतोष और विद्रोह की आशंका तेजी से बढ़ रही है। इसी आशंका के चलते ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने देश में सख्त दमनकारी कार्रवाई शुरू कर दी है। इस कार्रवाई में अब तक 700 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है और कई सीमाओं को पूरी तरह सील कर दिया गया है।



700 से अधिक गिरफ्तारियां: आरोप- जासूसी और राष्ट्र विरोध

ईरान सरकार ने दावा किया है कि गिरफ्तार किए गए लोगों में से कई पर इज़राइल की खुफिया एजेंसी 'मोसाद' के लिए जासूसी करने, राष्ट्र विरोधी प्रचार फैलाने, और आतंकवाद को बढ़ावा देने के आरोप हैं। इनमें से कुछ लोगों को सार्वजनिक रूप से फांसी भी दी गई है, जिससे आम जनता में भय का माहौल पैदा हो गया है।


कुर्द क्षेत्रों में सेना की तैनाती

देश के उत्तर-पश्चिमी हिस्से में स्थित कुर्द क्षेत्रों—जैसे महाबाद, सनी, और खर्वान—में सेना और ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के विशेष बल तैनात किए गए हैं। इन क्षेत्रों में सरकार विरोधी प्रदर्शनों की आशंका सबसे अधिक है। स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार, इन इलाकों में घर-घर छापेमारी हो रही है और सड़कों पर कर्फ्यू जैसे हालात हैं।


पाकिस्तान, इराक और अफगानिस्तान की सीमाएं सील

विदेशी हस्तक्षेप और घुसपैठ को रोकने के लिए ईरान ने पाकिस्तान, इराक और अफगानिस्तान की सीमाएं अस्थायी रूप से सील कर दी हैं। सरकार का कहना है कि सीमाओं के पार से "शत्रु ताकतें" अस्थिरता फैलाने की कोशिश कर रही हैं। सीमाओं पर सुरक्षा बलों की भारी तैनाती देखी जा रही है।


फांसी और सरकारी मीडिया का प्रचार

सरकारी मीडिया ने हाल ही में तीन आरोपियों को जासूसी के आरोप में फांसी देने की खबर को प्रमुखता से प्रसारित किया। इससे यह संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि सरकार किसी भी तरह की राष्ट्रविरोधी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेगी। मानवाधिकार संगठनों ने इसे "जनता को डराने की साजिश" करार दिया है।


जनता में डर और अस्थिरता का माहौल

एक ओर जहां सरकार इस कार्रवाई को "राष्ट्रीय सुरक्षा" का कदम बता रही है, वहीं दूसरी ओर आम जनता में भय और असंतोष का माहौल है। कई क्षेत्रों में हड़तालें चल रही हैं, जैसे नर्सें, ट्रक ड्राइवर और शिक्षक। जनता ईंधन की बढ़ती कीमतों, बेरोजगारी और सरकारी दमन से त्रस्त है।


निष्कर्ष: क्या ईरान एक और विद्रोह की ओर?

ईरान के हालात तेजी से बिगड़ते नजर आ रहे हैं। जिस प्रकार सरकार ने व्यापक गिरफ्तारियां, फांसी, और सीमाओं को बंद करने जैसे कठोर कदम उठाए हैं, उससे अंदेशा है कि स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। ऐसे में सवाल उठता है—क्या ईरान एक और 2009 जैसा विद्रोह देखेगा?

सरकार विरोधी गतिविधियों पर नियंत्रण के लिए खामेनेई की रणनीति फिलहाल सफल दिखाई दे रही है, लेकिन यह लंबी अवधि में कितना कारगर रहेगा, यह आने वाला समय ही बताएगा।