👋 Join Us Jaunpur Kinnar Violence: सरकारी डॉक्टरों से मारपीट का आरोप, किन्नरों ने की इंसाफ की मांग

Jaunpur Kinnar Violence: सरकारी डॉक्टरों से मारपीट का आरोप, किन्नरों ने की इंसाफ की मांग

उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहाँ किन्नर समुदाय और सरकारी डॉक्टरों के बीच गंभीर टकराव हुआ। यह मामला जिले के बरसठी थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गनेशपुर गाँव में हुआ, जहाँ किन्नर समुदाय के दो गुटों के बीच आपसी विवाद के बाद हालात और बिगड़ते चले गए। इस पूरे प्रकरण ने प्रशासन की कार्यशैली और स्वास्थ्य सेवाओं पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।



घटना की शुरुआत उस समय हुई जब किन्नरों के दो समूह किसी बधाई समारोह से लौट रहे थे। रास्ते में दोनों गुटों के बीच आपसी झड़प हो गई, जो धीरे-धीरे हिंसक रूप में बदल गई। लाठी-डंडों से लैस हमलावरों ने एक गुट पर हमला कर दिया, जिससे कई किन्नर गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को तुरंत इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। इसी दौरान आरोप लगा कि डॉक्टरों ने घायल किन्नरों का इलाज करने से इनकार कर दिया और उन्हें अस्पताल से भगा दिया गया।



इस अमानवीय व्यवहार से नाराज होकर घायल किन्नरों के साथी बड़ी संख्या में अस्पताल पहुँच गए और वहाँ हंगामा खड़ा कर दिया। जानकारी के अनुसार, डॉक्टरों ने कहा कि वे तभी इलाज करेंगे जब घटना की FIR दर्ज हो जाएगी। इस बात पर किन्नर समुदाय और ज्यादा भड़क गया और कथित रूप से डॉक्टरों के साथ मारपीट की। घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें कुछ किन्नर डॉक्टरों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटते नजर आ रहे हैं।

इस घटना के बाद किन्नर समुदाय के पीड़ित सदस्यों ने बरसठी थाना में जाकर अपनी शिकायत दर्ज कराई, लेकिन उनकी बात को गंभीरता से नहीं लिया गया। इससे नाराज होकर पीड़ितों ने जौनपुर जिला मुख्यालय में पहुँचकर एसपी ग्रामीण शैलेन्द्र सिंह से मुलाकात की और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। एसपी ग्रामीण ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अधीनस्थ अधिकारियों को त्वरित जांच और सख्त कार्रवाई का आदेश दिया।

किन्नर समुदाय का कहना है कि उनके साथ न केवल हिंसा हुई बल्कि इलाज के नाम पर अपमानजनक व्यवहार भी किया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें जबरन स्कॉर्पियो में भरकर एक कमरे में ले जाकर बंद किया गया और मारपीट की गई। यह पूरा मामला न केवल मानवाधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं और कानून-व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करता है।

इस घटना ने पूरे जिले में सनसनी फैला दी है और किन्नर समुदाय के भीतर भारी आक्रोश व्याप्त है। स्थानीय प्रशासन पर दबाव बढ़ता जा रहा है कि दोषियों के खिलाफ जल्द से जल्द सख्त कार्रवाई की जाए और घायल किन्नरों को न्याय दिलाया जाए। अगर प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया, तो यह मामला और बड़ा रूप ले सकता है।