RAS Mains 2024: परीक्षा स्थगन की मांग पर भड़का आंदोलन, भूख हड़ताल पर बैठे अभ्यर्थी

राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) मुख्य परीक्षा 2024 को लेकर प्रदेश में एक बार फिर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। परीक्षा की निर्धारित तिथि 17 और 18 जून को है, लेकिन बड़ी संख्या में अभ्यर्थी इस तिथि को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। जयपुर स्थित राजस्थान विश्वविद्यालय (RU) के बाहर सैकड़ों उम्मीदवार धरने पर बैठे हैं, जिनमें से कई ने भूख हड़ताल तक शुरू कर दी है। अभ्यर्थियों की मुख्य मांग है कि मुख्य परीक्षा को सितंबर 2024 तक स्थगित किया जाए ताकि उन्हें तैयारी के लिए पर्याप्त समय मिल सके।

विरोध की जड़ में यह बात है कि RAS 2023 की इंटरव्यू प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है और उसके परिणाम भी घोषित नहीं किए गए हैं। ऐसे में कई अभ्यर्थी जो पिछले चरण में शामिल हुए थे, उन्हें यह डर सता रहा है कि यदि RAS Mains 2024 जून में आयोजित हो गई, तो वे दोहरी मानसिकता में रहेंगे—न तो वे पुराने परिणाम पर फोकस कर पाएंगे और न ही नई परीक्षा की तैयारी अच्छी तरह कर सकेंगे। इसके अलावा, अभ्यर्थियों का कहना है कि प्रीलिम्स और मेन्स परीक्षा के बीच केवल चार महीने का समय मिला है, जबकि पिछले वर्षों में यह अंतर सामान्यतः छह महीने का होता था।



इस आंदोलन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने भी अभ्यर्थियों का समर्थन किया है। ABVP के नेतृत्व में छात्रों ने शांति पूर्ण प्रदर्शन के बाद भूख हड़ताल का रास्ता चुना। छात्रों की हालत बिगड़ने पर दो छात्राओं को एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। इसके बावजूद भी सरकार और राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) की ओर से अभी तक परीक्षा तिथि स्थगन को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। छात्रों ने प्रशासन पर यह आरोप भी लगाया है कि वे उनकी आवाज़ को सुनने के बजाय अनदेखा कर रहे हैं।

पुलिस प्रशासन की ओर से छात्रों को विश्वविद्यालय परिसर में घुसने से भी रोका गया, जिससे विरोध और भी तीव्र हो गया। छात्रों ने कहा कि अगर सरकार ने समय रहते उनकी बात नहीं मानी, तो वे प्रदेश भर में आंदोलन को फैलाएंगे। शिक्षा मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने छात्रों की मांगों को गंभीरता से लेने की बात कही है, लेकिन अभी तक कोई स्पष्ट निर्णय सामने नहीं आया है।

इस आंदोलन का प्रमुख उद्देश्य सिर्फ परीक्षा स्थगित कराना नहीं है, बल्कि यह उस व्यवस्था के विरोध का प्रतीक बन गया है जिसमें अभ्यर्थियों की मानसिक स्थिति, तैयारी की अवधि और निष्पक्षता की अनदेखी की जा रही है। छात्र मांग कर रहे हैं कि RAS Mains 2024 परीक्षा को कम से कम सितंबर तक टाल दिया जाए, ताकि सभी उम्मीदवारों को समान अवसर मिल सके और वे अच्छे से तैयारी कर सकें।

इस पूरे घटनाक्रम ने यह स्पष्ट कर दिया है कि युवा वर्ग अपने अधिकारों और भविष्य को लेकर कितना सजग और प्रतिबद्ध है। परीक्षा की तैयारी करना जितना कठिन है, उससे कहीं ज्यादा कठिन होता है मानसिक तनाव में प्रदर्शन करना। यदि सरकार ने समय रहते छात्रों की मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो यह मामला और भी गंभीर रूप ले सकता है।

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