दिल्ली हाईकोर्ट का बड़ा आदेश: यूट्यूबर मोहक मंगल को ANI के खिलाफ वीडियो से 'हफ्ता वसूली' और 'गुंडा राज' जैसे शब्द हटाने का निर्देश

हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट में एक ऐसा मामला सामने आया जिसने यूट्यूब, मीडिया स्वतंत्रता और कॉपीराइट नियमों को लेकर बड़ी बहस को जन्म दे दिया है। यह मामला यूट्यूबर मोहक मंगल और प्रमुख समाचार एजेंसी ANI के बीच का है। कोर्ट ने मोहक मंगल को ANI के खिलाफ बनाए गए वीडियो से आपत्तिजनक शब्दों को हटाने का निर्देश दिया है। खासकर "हफ्ता वसूली" और "गुंडा राज" जैसे शब्दों पर न्यायालय ने सख्त टिप्पणी की है और इन्हें हटाने को कहा है।

मामले की शुरुआत उस समय हुई जब मोहक मंगल ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें उन्होंने ANI पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि ANI ने उनके वीडियो पर कॉपीराइट स्ट्राइक लगाई, जिसमें केवल 9 से 11 सेकंड की ANI की क्लिप का इस्तेमाल हुआ था। इसके बाद ANI ने उन्हें इस स्ट्राइक को हटाने के लिए ₹45-50 लाख की मांग की, जिसे मोहक ने 'ब्लैकमेलिंग' और 'हॉस्टेज नेगोशिएशन' करार दिया।



मोहक ने वीडियो में विस्तार से बताया कि कैसे ANI ने अन्य यूट्यूबर्स पर भी इसी तरह के कॉपीराइट स्ट्राइक लगाए और बड़ी रकम की मांग की। उन्होंने कहा कि कई यूट्यूब क्रिएटर्स से ₹15 से ₹50 लाख तक की मांग की गई और कुछ ने डर के चलते भुगतान भी कर दिया। इस मुद्दे को उठाते हुए मोहक ने भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को एक पत्र भी लिखा है, जिसमें उन्होंने इस प्रकार की कॉपीराइट पॉलिसियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

ANI ने इस वीडियो को मानहानिपूर्ण बताते हुए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया। ANI ने दावा किया कि मोहक मंगल का वीडियो उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाता है और इसमें लगाए गए आरोप पूरी तरह निराधार हैं। ANI की ओर से दाखिल इस मानहानि मुकदमे में प्रसिद्ध कॉमेडियन कुणाल कामरा और फैक्ट-चेकिंग वेबसाइट Alt News के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को भी प्रतिवादी बनाया गया है, क्योंकि उन्होंने सोशल मीडिया पर इस वीडियो को साझा किया था।

दिल्ली हाईकोर्ट ने वीडियो देखने के बाद मौखिक रूप से यह टिप्पणी की कि "अगर आप वीडियो इस्तेमाल करना चाहते हैं लेकिन लाइसेंस नहीं लेते और फिर इसे 'हफ्ता वसूली' कहते हैं, तो यह स्वीकार्य नहीं है।" अदालत ने स्पष्ट किया कि आपत्ति सिर्फ आलोचना पर नहीं है, बल्कि भाषा की मर्यादा के उल्लंघन पर है।

इस पूरे विवाद ने डिजिटल मीडिया, यूट्यूब क्रिएटर्स और कॉपीराइट कानूनों को लेकर देश में नई चर्चा छेड़ दी है। कई यूट्यूबर्स, जैसे ध्रुव राठी, ठगेश, नितीश राजपूत आदि ने मोहक मंगल का समर्थन किया है। सोशल मीडिया पर यह मामला तेजी से फैल रहा है और ANI के खिलाफ नाराजगी भी देखने को मिल रही है। वहीं मोहम्मद जुबैर ने ट्विटर पर ANI को ‘सेंसरशिप’ का प्रतीक बताते हुए उनकी निंदा की।

इस केस ने यह स्पष्ट कर दिया है कि कॉपीराइट नियमों के नाम पर यदि कोई मीडिया संस्था स्वतंत्र यूट्यूब क्रिएटर्स को दबाने की कोशिश करती है, तो यह न केवल डिजिटल स्वतंत्रता पर हमला है, बल्कि इसे कानूनी चुनौती भी मिल सकती है। आने वाले दिनों में इस केस का नतीजा डिजिटल कंटेंट क्रिएटर्स और मीडिया हाउस दोनों के लिए नजीर बन सकता है।

अब देखने वाली बात यह होगी कि अदालत इस विवाद को कैसे सुलझाती है और क्या इससे डिजिटल मीडिया के स्वतंत्र स्वरूप को कोई नई दिशा मिलती है। अगर मोहक मंगल की बातों में सच्चाई है, तो यह बेहद गंभीर मामला है और इसपर पारदर्शी जांच जरूरी है। यह विवाद निश्चित रूप से आने वाले समय में भारतीय यूट्यूब और मीडिया कानूनों को प्रभावित कर सकता है।