भारतीय राजनीति में अक्सर अपने बेबाक बयानों के लिए चर्चा में रहने वाले भाजपा सांसद निशिकांत दुबे एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार वे कुवैत में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान पाकिस्तान को लेकर दिए गए अपने तीखे बयान के कारण चर्चा का विषय बने हुए हैं। दुबे ने न सिर्फ पाकिस्तान को चेतावनी दी, बल्कि यह भी साफ कर दिया कि भारत अब आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा और यदि पाकिस्तान सेना आतंकियों का समर्थन करती रही, तो भारत सरकार युद्ध के जरिए उसका जवाब देगी।
निशिकांत दुबे ने अपने संबोधन में साफ शब्दों में कहा कि जब भारत में आतंकवाद होगा, तो उसका जवाब अब सिर्फ कूटनीति से नहीं, बल्कि युद्ध से दिया जाएगा। उन्होंने पाकिस्तान की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि अगर पाकिस्तान आर्मी आतंकवादी गतिविधियों में सहयोग देना जारी रखती है, तो भारत सरकार पीओके (पाक अधिकृत कश्मीर) और करतारपुर साहिब को भारत में शामिल करने के लिए पूरी रणनीति के साथ कार्रवाई करेगी। उनका यह बयान उस समय आया है जब पाकिस्तान की तरफ से जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर आतंकवादी घटनाओं को अंजाम दिया गया है।
दुबे ने अपने भाषण में 1990 में कुवैत पर हुए इराकी हमले का उदाहरण देते हुए कहा कि वह हमला भी आतंकवाद की एक घटना थी, और उसी तरह भारत में भी जब कोई आतंकी घटना होती है, तो वह युद्ध के बराबर मानी जानी चाहिए। उन्होंने पाकिस्तान को एक बार फिर आतंकवाद का केंद्र बताते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि इस मुद्दे पर निर्णायक कार्रवाई की जाए।
निशिकांत दुबे ने भविष्यवाणी करते हुए यह भी कहा कि 2025 के बाद पाकिस्तान का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा और वह चार हिस्सों में बंट जाएगा — बलूचिस्तान, पख्तूनिस्तान, पंजाब और सिंध। उन्होंने यह दावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की "गारंटी" बताते हुए किया। दुबे का कहना है कि भारत सरकार इस दिशा में पूरी तरह सजग है और जल्द ही पाकिस्तान से पीओके और करतारपुर साहिब को भारत में शामिल करने की दिशा में कार्यवाही की जाएगी।
उनके इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं। एक तरफ यह प्रधानमंत्री मोदी के कड़े रुख की पुष्टि करता है, तो दूसरी ओर भारत की विदेश नीति और रक्षा नीति में आ रहे बदलावों की झलक भी देता है। दुबे ने यह भी कहा कि भारत द्वारा युद्धविराम का पालन केवल पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर बेनकाब करने का एक तरीका है। अब अगर पाकिस्तान ने अपनी हरकतें नहीं रोकीं, तो भारत सरकार उसे करारा जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है।
इस बयान के बाद से देशभर में राजनीतिक चर्चा तेज हो गई है। कई लोगों ने दुबे के रुख की सराहना की है, तो कुछ ने इसे एक राजनीतिक बयानबाजी करार दिया है। लेकिन एक बात स्पष्ट है कि भारत अब अपने दुश्मनों को खुली चेतावनी देने में पीछे नहीं हट रहा। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत सरकार इस दिशा में किस प्रकार कदम उठाती है और क्या वास्तव में पाकिस्तान के खिलाफ कोई निर्णायक रणनीति लागू होती है।
इस पूरे प्रकरण ने भारत-पाक संबंधों को फिर से केंद्र में ला खड़ा किया है। देश की जनता भी अब चाहती है कि आतंकवाद के खिलाफ कोई ठोस और निर्णायक कदम उठाया जाए, और निशिकांत दुबे के इस बयान ने उस मांग को एक नई आवाज दी है।