अर्शद वारसी और उनकी पत्नी पर SEBI का बड़ा एक्शन: शेयर बाजार में एक साल का बैन, अवैध मुनाफे की वापसी का आदेश

बॉलीवुड अभिनेता अर्शद वारसी और उनकी पत्नी मारिया गोरेटी एक बड़े विवाद में फंस चुके हैं। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने दोनों पर शेयर बाजार में गड़बड़ी करने का गंभीर आरोप लगाते हुए उन पर एक साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। यह मामला सधना ब्रॉडकास्ट लिमिटेड (अब क्रिस्टल बिजनेस सिस्टम लिमिटेड) के शेयरों में कृत्रिम तेजी लाने और मुनाफा कमाने से जुड़ा है। SEBI ने अर्शद और उनकी पत्नी पर ₹5 लाख का जुर्माना लगाया है और उनसे ₹1.05 करोड़ का "अवैध मुनाफा" वापस लौटाने का आदेश भी दिया है।



इस मामले की शुरुआत तब हुई जब SEBI ने देखा कि कुछ यूट्यूब चैनल्स पर सधना ब्रॉडकास्ट लिमिटेड के शेयरों को लेकर भ्रामक प्रचार किया जा रहा है। इन वीडियो में कंपनी के शेयरों को एक बेहतरीन निवेश विकल्प बताया गया, जिससे आम निवेशकों को गुमराह कर शेयरों की मांग में कृत्रिम रूप से इजाफा किया गया। इस प्रचार के तुरंत बाद अर्शद वारसी और अन्य आरोपितों ने अपने शेयर ऊंची कीमत पर बेच दिए, जिससे उन्होंने करोड़ों रुपये का मुनाफा कमाया।

SEBI ने 109 पन्नों के विस्तृत आदेश में इस पूरे घोटाले की दो चरणों वाली योजना का खुलासा किया। पहले चरण में प्रमोटर से जुड़ी संस्थाओं ने खुद ही शेयर खरीद-बिक्री करके कीमतों में उछाल लाया। दूसरे चरण में, यूट्यूब चैनलों के ज़रिए आम लोगों को निवेश के लिए उकसाया गया, जिससे शेयरों की कीमतें और चढ़ गईं। इसी का फायदा उठाकर अर्शद और उनकी पत्नी ने अपने शेयर बेच दिए।

SEBI ने जांच में यह भी पाया कि अर्शद वारसी के व्हाट्सएप चैट्स से यह साबित होता है कि उन्हें यूट्यूब चैनलों के संचालकों की ओर से निर्देश मिल रहे थे कि कब और कितने शेयर खरीदने या बेचने हैं। यह सब एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा था, जिससे बाजार में भ्रम फैलाकर मुनाफा कमाया गया।

इस पूरे मामले में SEBI ने कुल 59 लोगों और संस्थाओं को दोषी ठहराया है और उन्हें एक से पांच साल तक शेयर बाजार में प्रतिबंधित कर दिया है। सभी से कुल ₹58.01 करोड़ के अवैध मुनाफे को 12% वार्षिक ब्याज सहित लौटाने का आदेश भी दिया गया है।

यह मामला भारतीय शेयर बाजार के लिए एक गंभीर चेतावनी है कि सोशल मीडिया और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म्स का उपयोग करके किस तरह आम निवेशकों को गुमराह किया जा सकता है। साथ ही यह भी दिखाता है कि सेबी जैसी नियामक संस्थाएं इन गतिविधियों पर पैनी निगरानी रख रही हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही हैं।

अर्शद वारसी और उनकी पत्नी के खिलाफ इस कार्रवाई ने न सिर्फ बॉलीवुड इंडस्ट्री को झटका दिया है, बल्कि यह भी दिखाया है कि चाहे कोई सेलिब्रिटी हो या आम नागरिक, कानून सभी के लिए समान है। निवेशकों को इस पूरे घटनाक्रम से सबक लेना चाहिए और किसी भी शेयर में निवेश से पहले सही जानकारी और सावधानी बरतनी चाहिए। अफवाहों और यूट्यूब चैनलों के प्रचार के आधार पर निवेश करना भारी नुकसान पहुंचा सकता है।

SEBI की यह कार्रवाई न सिर्फ एक मिसाल है बल्कि यह भी सुनिश्चित करती है कि भारतीय शेयर बाजार में पारदर्शिता और विश्वास बना रहे। शेयर बाजार में अनैतिक लाभ कमाने की कोशिशें अब बर्दाश्त नहीं की जाएंगी, चाहे वह किसी भी स्तर पर क्यों न हों।