भारत सरकार ने देशभर के टोल सिस्टम में बड़ा बदलाव करने का फैसला किया है। यह नया बदलाव जनता के लिए राहत की सांस लेकर आया है, क्योंकि अब टोल टैक्स यात्रा की दूरी के अनुसार लिया जाएगा। यानी आप जितने किलोमीटर यात्रा करेंगे, उतना ही टोल देना होगा। यह नई टोल नीति वर्ष 2025 से देशभर में लागू की जा रही है, और इसके साथ ही भारत डिजिटल टोल कलेक्शन और पारदर्शिता की दिशा में एक और बड़ा कदम बढ़ा रहा है।
इस नई नीति के तहत अब हर टोल प्लाजा पर आधुनिक तकनीक जैसे कैमरा आधारित ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर (ANPR) और फास्टैग (FASTag) सिस्टम को पूरी तरह से लागू किया जाएगा। जैसे ही कोई वाहन टोल क्षेत्र में प्रवेश करेगा, कैमरे उसके नंबर प्लेट को स्कैन कर लेंगे और फास्टैग से दूरी के अनुसार शुल्क काट लिया जाएगा। इससे पारंपरिक टोल प्लाजा पर लगने वाली लंबी कतारों से निजात मिलेगी और ट्रैफिक भी स्मूथ चलेगा।
सरकार का मानना है कि इस नीति से केवल यात्रियों को ही नहीं बल्कि पूरे देश के टोल प्रबंधन तंत्र को भी एक नया रूप मिलेगा। पहले जहां पूरे रूट का टोल देना पड़ता था, भले ही आप बीच में ही निकल जाएं, अब वही सिस्टम खत्म हो जाएगा। उदाहरण के लिए अगर कोई व्यक्ति 80 किलोमीटर की यात्रा करता है, तो उसे केवल उसी दूरी का ही टोल देना होगा। इससे लोगों के पैसे की बचत होगी और सिस्टम अधिक पारदर्शी बनेगा।
इसके साथ ही सरकार सालाना पास जैसी योजनाओं पर भी काम कर रही है, जिसमें यात्री ₹3,000 जैसे एक निश्चित शुल्क का भुगतान करके पूरे वर्ष के लिए अनलिमिटेड यात्रा कर सकेंगे। इस पास से देश के सभी राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर किसी भी प्रकार का अतिरिक्त टोल नहीं देना होगा। यह योजना विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभदायक साबित होगी, जो नियमित रूप से लंबी दूरी की यात्रा करते हैं।
इसके अलावा, सरकार ने 20 किलोमीटर तक की दूरी को टोल-फ्री करने का भी प्रस्ताव रखा है। इससे छोटे कस्बों और ग्रामीण इलाकों से आने-जाने वाले लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। यह प्रावधान आम नागरिकों की रोजमर्रा की यात्रा को सस्ता और सुविधाजनक बनाएगा।
नई नीति के तहत सुरक्षा और ट्रैकिंग पर भी जोर दिया जाएगा। टोल प्लाजा पर लगे कैमरे प्रत्येक वाहन की जानकारी सुरक्षित करेंगे जिससे आपराधिक गतिविधियों पर भी नजर रखी जा सकेगी। यह सुरक्षा की दृष्टि से भी बेहद कारगर साबित होगा।
इस पूरे बदलाव का उद्देश्य है देश को एक डिजिटल और स्मार्ट ट्रैफिक प्रणाली की ओर ले जाना। यातायात में तेजी लाना, पर्यावरण को प्रदूषण से बचाना और आम जनता के समय व धन की बचत करना इस नीति का मुख्य उद्देश्य है।
इस नई टोल नीति के लागू होने से न केवल यात्रियों को सुविधा होगी, बल्कि टोल वसूली में हो रही गड़बड़ियों पर भी लगाम लगेगी। कुल मिलाकर, यह नीति भारत के परिवहन ढांचे को अधिक आधुनिक, पारदर्शी और कारगर बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।
यह बदलाव सिर्फ नीति नहीं, एक नई सोच है — डिजिटल भारत के स्मार्ट सफर की शुरुआत।