कोटा में ICICI बैंक की महिला मैनेजर ने शेयर बाजार में डुबाए खाताधारकों के 6 करोड़ रुपये, पुलिस ने किया गिरफ्तार

राजस्थान के कोटा शहर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां ICICI बैंक की एक महिला मैनेजर ने बैंक खाताधारकों की गाढ़ी कमाई को शेयर बाजार में निवेश करके पूरी तरह बर्बाद कर दिया। आरोपी महिला, जो कि ICICI बैंक में रिलेशनशिप मैनेजर के पद पर कार्यरत थी, ने न सिर्फ अपने पिता के 40 लाख रुपये बल्कि बैंक के 110 खातों से ₹4.58 करोड़ से अधिक की राशि निकालकर शेयर बाजार में निवेश कर दी। जब निवेश में घाटा हुआ और पैसे डूब गए, तब बैंक की जांच में यह धोखाधड़ी उजागर हुई।

यह पूरा मामला साल 2020 से 2023 के बीच का है। आरोपी महिला ने दो साल से भी अधिक समय तक यह पूरा खेल बैंक के भीतर रहकर बहुत ही चतुराई से अंजाम दिया। खाताधारकों को बिना किसी संदेह के वह उनकी फिक्स डिपॉजिट और सेविंग्स खातों से पैसे निकालती रही और उन पैसों को शेयर बाजार में निवेश करती रही। उसे शेयर बाजार में मुनाफा कमाने का लालच ऐसा चढ़ा कि उसने अपनी जिम्मेदारी, ईमानदारी और नैतिकता को ताक पर रख दिया।

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ICICI बैंक ने जब आंतरिक जांच शुरू की, तो पता चला कि लगातार कई खातों से बड़ी मात्रा में पैसे ट्रांसफर किए गए थे और उन पैसों का कोई वैध उपयोग नहीं दिख रहा था। जांच में खुलासा हुआ कि महिला मैनेजर ने खाताधारकों की जानकारी के बिना ही उनकी FD और बचत खातों से पैसे निकालकर अपने निजी शेयर ट्रेडिंग अकाउंट में डाल दिए थे। निवेश में लगातार नुकसान होने के बावजूद उसने यह सिलसिला जारी रखा और अंततः करीब ₹4.6 करोड़ की राशि पूरी तरह डूब गई।

बैंक की रिपोर्ट पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए महिला अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया है और पूछताछ जारी है। प्रारंभिक रिपोर्ट्स के अनुसार आरोपी ने यह स्वीकार किया है कि उसने शेयर बाजार से भारी मुनाफा कमाने के उद्देश्य से यह पूरा षड्यंत्र रचा था, लेकिन उसे भारी घाटा हुआ और अंततः वह पकड़ी गई। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या इस मामले में बैंक के अन्य कर्मचारी भी शामिल थे या महिला अकेले ही यह घोटाला कर रही थी।

इस घटना से बैंकिंग सिस्टम की सुरक्षा, पारदर्शिता और निगरानी व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। आम खाताधारकों का विश्वास बैंकिंग संस्थानों में तब टूटता है, जब इस प्रकार के मामले सामने आते हैं। एक बैंक अधिकारी पर ग्राहकों की मेहनत की कमाई की रक्षा करने की जिम्मेदारी होती है, लेकिन जब वही अधिकारी विश्वासघात कर दे, तो स्थिति और भी भयावह हो जाती है।

ICICI बैंक ने इस मामले में दोषी अधिकारी को बर्खास्त कर दिया है और खाताधारकों को आश्वासन दिया है कि उनकी धनराशि की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। यह मामला इस बात की चेतावनी है कि बैंक ग्राहकों को भी समय-समय पर अपने खातों पर नजर रखनी चाहिए और किसी भी अनियमितता की जानकारी तुरंत बैंक और संबंधित अधिकारियों को देनी चाहिए।

यह घटना न केवल कोटा शहर बल्कि पूरे देश के बैंकिंग तंत्र के लिए एक चेतावनी है। बैंकिंग सेक्टर में इस प्रकार की धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने के लिए और सख्त निगरानी, जवाबदेही और तकनीकी सुरक्षा व्यवस्था लागू करने की जरूरत है।