इथियोपिया की एक अनोखी जनजाति, मुर्सी (Mursi Tribe), अपने विशिष्ट रीति-रिवाजों और परंपराओं के लिए विश्वभर में जानी जाती है। इनकी सबसे प्रसिद्ध और चौंकाने वाली परंपरा है – महिलाओं द्वारा अपने निचले होंठ में लिप प्लेट (Lip Plate) पहनना। यह परंपरा केवल शरीर की सजावट नहीं है, बल्कि यह सौंदर्य, सामाजिक प्रतिष्ठा और सांस्कृतिक पहचान का एक जीवंत प्रतीक है।
मुर्सी जनजाति मुख्यतः दक्षिणी इथियोपिया के ओमो वैली क्षेत्र में निवास करती है। यह जनजाति दुनिया के सबसे पारंपरिक और विशिष्ट सांस्कृतिक समुदायों में से एक मानी जाती है। लिप प्लेट पहनने की परंपरा यहां की महिलाओं में किशोरावस्था से ही शुरू हो जाती है, जब लड़कियों की उम्र लगभग 15 या 16 वर्ष होती है। इस प्रक्रिया की शुरुआत निचले होंठ में एक छोटा चीरा लगाकर की जाती है, जिसमें एक छोटा लकड़ी का खूँटा डाला जाता है। जब यह घाव भरता है, तब धीरे-धीरे बड़े आकार की लकड़ी या मिट्टी की प्लेट डाली जाती है। इस प्रक्रिया को धीरे-धीरे दोहराया जाता है जिससे होंठ और प्लेट दोनों का आकार समय के साथ बढ़ता जाता है।
मुर्सी जनजाति की मान्यता के अनुसार, महिला जितनी बड़ी लिप प्लेट पहनती है, वह उतनी ही अधिक सुंदर और प्रतिष्ठित मानी जाती है। यही नहीं, यह भी माना जाता है कि यह परंपरा महिला की सामाजिक परिपक्वता और विवाह के लिए तैयार होने का संकेत देती है। हालांकि बाहरी दुनिया की नजर में यह परंपरा अजीब और कभी-कभी क्रूर प्रतीत हो सकती है, लेकिन मुर्सी समुदाय के लिए यह गर्व और सम्मान का विषय है।
कुछ लोगों का यह भी मानना है कि लिप प्लेट का आकार विवाह में मिलने वाले दहेज (ब्राइड प्राइस) को प्रभावित करता है। हालांकि, प्रसिद्ध मानवविज्ञानी डेविड टर्टन के अनुसार, विवाह से पहले ही दहेज की राशि तय कर दी जाती है और लिप प्लेट का इस पर कोई प्रभाव नहीं होता। इसके बावजूद, यह परंपरा महिला की सामाजिक स्थिति और परिवार के प्रतिष्ठा को दर्शाने का कार्य करती है। खास बात यह है कि महिलाएं लिप प्लेट हमेशा नहीं पहनतीं, बल्कि विशेष सामाजिक या पारिवारिक अवसरों जैसे विवाह, पारंपरिक नृत्य या त्योहारों के दौरान ही इसे लगाती हैं।
समय के साथ, आधुनिकता और बाहरी प्रभावों के कारण मुर्सी समुदाय में भी बदलाव देखने को मिल रहा है। आज की युवा पीढ़ी, विशेषकर लड़कियां, इस परंपरा को अपनाने में झिझक महसूस कर रही हैं। शिक्षा, टूरिज्म और वैश्विक संपर्क ने इस सोच को प्रभावित किया है। फिर भी, बहुत सी महिलाएं आज भी इस परंपरा को अपने आत्मसम्मान और सांस्कृतिक गर्व के रूप में अपनाती हैं और इसे छोड़ना नहीं चाहतीं।
मुर्सी जनजाति की लिप प्लेट परंपरा न केवल शरीर की सजावट की एक विधि है, बल्कि यह एक गहरी सामाजिक और सांस्कृतिक परंपरा को भी दर्शाती है। यह दिखाता है कि सौंदर्य का अर्थ अलग-अलग संस्कृतियों में कितना भिन्न हो सकता है। जहां एक ओर पश्चिमी सभ्यता में सौंदर्य के मानक बिल्कुल अलग हैं, वहीं मुर्सी महिलाओं के लिए होंठ की बड़ी प्लेट सुंदरता और गरिमा का प्रतीक है।
इस परंपरा को जानना और समझना सांस्कृतिक विविधता को स्वीकारने और सम्मान देने की दिशा में एक कदम है। इथियोपिया की मुर्सी जनजाति हमें यह सिखाती है कि परंपराएं केवल अतीत की यादें नहीं होतीं, वे एक जीवंत संस्कृति और पहचान का आधार होती हैं। लिप प्लेट पहनना इन महिलाओं के लिए सुंदरता का नहीं, बल्कि उनके गौरव, परंपरा और अस्तित्व का प्रतीक है।