रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध अब एक ऐसे मोड़ पर पहुंच चुका है, जहां से वैश्विक शांति के लिए खतरे की घंटी बज चुकी है। 2025 में जब पूरी दुनिया डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता से युद्धविराम की उम्मीद कर रही थी, तब यूक्रेन द्वारा रूस की धरती पर किए गए एक साहसिक ड्रोन हमले ने हालात को पूरी तरह बदल दिया। यह हमला सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं था, बल्कि यह रूस की रणनीतिक ताकत को सीधी चुनौती देने वाला कदम था।
हम विस्तार से जानेंगे कि यूक्रेन ने 'ऑपरेशन स्पाइडरवेब' के तहत रूस के सैन्य अड्डों को कैसे निशाना बनाया, रूस की प्रतिक्रिया क्या रही और इस हमले का वैश्विक परिदृश्य पर क्या असर हो सकता है।
ऑपरेशन स्पाइडरवेब: यूक्रेन की साहसिक रणनीति
1 जून 2025 को, यूक्रेन की सुरक्षा सेवा (SBU) ने एक अत्यंत गोपनीय और रणनीतिक ऑपरेशन 'स्पाइडरवेब' को अंजाम दिया। इस ऑपरेशन के तहत यूक्रेनी एजेंटों ने रूस के चार प्रमुख सैन्य हवाई अड्डों पर एक साथ ड्रोन हमला किया। यह हमला रूस की गहराई में स्थित ठिकानों तक पहुंचकर किया गया, जो अब तक युद्ध की सीमाओं से दूर माने जाते थे। इस हमले में विशेष रूप से तैयार किए गए ट्रकों का इस्तेमाल किया गया, जिनमें FPV (First Person View) ड्रोन छिपाकर ले जाए गए थे।
इन ट्रकों को रूस के चार सैन्य अड्डों तक पहुंचाया गया — ओलेन्या (मुरमान्स्क), बेलाया (इरकुत्स्क), इवानोवो और ड्यागिलेवो (मॉस्को के पास)। ड्रोन को इन अड्डों पर ले जाकर सीधे विमान अड्डों को निशाना बनाया गया। इस अभूतपूर्व हमले में रूस के दर्जनों युद्धक विमान नष्ट या बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए।
यूक्रेनी हमले में कितना नुकसान हुआ?
यूक्रेन ने इस हमले को 18 महीने की गुप्त योजना और राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की की सीधी निगरानी में अंजाम दिया। ऑपरेशन स्पाइडरवेब का उद्देश्य रूस के एयर डिफेंस सिस्टम को धोखा देना और उसके सबसे महंगे और संवेदनशील हवाई संसाधनों को खत्म करना था।
हमले में रूस को कितना नुकसान हुआ, इसका विवरण नीचे दी गई तालिका में दिया गया है:
स्थान | लक्षित हवाई अड्डा | नष्ट/क्षतिग्रस्त विमान | प्रकार |
---|---|---|---|
मुरमान्स्क | ओलेन्या एयरबेस | 10+ | Tu-95, Tu-22M3 |
इरकुत्स्क | बेलाया एयरबेस | 8+ | Tu-22M3 |
इवानोवो | इवानोवो एयरबेस | 5+ | A-50 AWACS |
मॉस्को के पास | ड्यागिलेवो एयरबेस | 15+ | Tu-160, AWACS |
"यह हमला पर्ल हार्बर के बाद सैन्य हवाई अड्डों पर हुआ सबसे बड़ा हमला कहा जा रहा है।" – अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा विशेषज्ञ
रूस की प्रतिक्रिया: जवाबी कार्रवाई की तैयारी?
रूसी रक्षा मंत्रालय ने इन हमलों को "आतंकवादी कृत्य" करार दिया है और दावा किया है कि उन्होंने कई ड्रोन को रास्ते में ही मार गिराया। हालांकि, कई वीडियो और प्रत्यक्षदर्शियों की रिपोर्ट्स रूस के दावों से मेल नहीं खातीं। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में भारी आगजनी और सैन्य विमानों के जलते हुए दृश्य साफ देखे जा सकते हैं।
रूस समर्थक मीडिया और सैन्य विश्लेषकों ने इस हमले की तुलना 'एक नए प्रकार के पर्ल हार्बर' से की है। कई कट्टरपंथी नेताओं और विचारकों ने इसके जवाब में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की मांग तक कर डाली है। हालांकि क्रेमलिन की आधिकारिक प्रतिक्रिया फिलहाल संयमित दिखाई दे रही है, लेकिन यह स्पष्ट है कि रूस जल्द ही एक सख्त और शक्तिशाली जवाबी कदम उठा सकता है।
वैश्विक चिंताएं और शांति वार्ता की उम्मीदें
इस हमले ने सिर्फ रूस और यूक्रेन के बीच टकराव को नहीं बढ़ाया, बल्कि वैश्विक मंच पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यूरोप, अमेरिका और चीन जैसे बड़े देशों ने अब तक संयमित प्रतिक्रिया दी है, लेकिन सभी देश स्थिति पर करीब से नजर बनाए हुए हैं।
इस बीच, इस्तांबुल में प्रस्तावित शांति वार्ता की चर्चा भी जारी है। यूक्रेन ने स्पष्ट रूप से इसमें भाग लेने की सहमति दी है और तीन प्रमुख मांगें रखी हैं:
- सभी युद्धबंदियों की रिहाई
- रूस द्वारा जबरन ले जाए गए बच्चों की वापसी
- बिना शर्त युद्धविराम
"अगर यह शांति वार्ता विफल होती है, तो दुनिया एक परमाणु टकराव की ओर बढ़ सकती है, जिसकी कोई सीमा नहीं होगी।" – वैश्विक विश्लेषण रिपोर्ट, वॉशिंगटन पोस्ट
निष्कर्ष: क्या यह युद्ध अब वैश्विक संकट बनेगा?
रूस और यूक्रेन के बीच यह संघर्ष अब पारंपरिक सीमाओं से बाहर निकल चुका है। यूक्रेन का रूस की धरती पर गहराई में जाकर हमला करना इस बात का संकेत है कि यह युद्ध केवल सीमा रेखा तक सीमित नहीं रहा। रूस की जवाबी कार्रवाई अब वैश्विक शांति के लिए सबसे बड़ी चिंता बन चुकी है।
अगले कुछ दिन निर्णायक होंगे। यदि शांति वार्ता सफल होती है, तो शायद यह संकट टल सकता है, लेकिन यदि रूस आक्रामक प्रतिक्रिया देता है, तो यह युद्ध दुनिया को एक नई और खतरनाक दिशा में ले जा सकता है।