14 जून 2025 को अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डी.सी. में एक ऐतिहासिक दृश्य देखने को मिला जब President Donald Trump ने अमेरिकी सेना की 250वीं वर्षगांठ (Army’s 250th Anniversary) के अवसर पर एक भव्य सैन्य परेड का आयोजन किया। इस आयोजन की खास बात यह थी कि यह परेड ट्रंप के 79वें जन्मदिन (Trump's 79th Birthday) के दिन हुई, जिसे उन्होंने “राष्ट्र की शक्ति और देशभक्ति” का प्रतीक बताया। परेड में 6,000 से अधिक सैनिकों की भागीदारी, 150 से अधिक टैंक, 50 से अधिक फाइटर प्लेन्स, और अत्याधुनिक ड्रोन व रोबोटिक तकनीक शामिल रही।
हालांकि यह परेड जितनी भव्य थी, उतनी ही तीव्र प्रतिक्रिया भी इस आयोजन को लेकर पूरे अमेरिका में देखने को मिली। देशभर में 'No Kings' Protest नाम से एक व्यापक विरोध अभियान शुरू हुआ। इस विरोध का मकसद ट्रंप की नीतियों और उनके सत्ता के तरीके के खिलाफ आवाज उठाना था, जिसे कई लोगों ने "राजशाही प्रवृत्तियों" से जोड़कर देखा। न्यूयॉर्क, लॉस एंजेलिस, फिलाडेल्फिया जैसे बड़े शहरों में लाखों लोगों ने रैलियों में भाग लिया और लोकतंत्र की रक्षा के लिए शांतिपूर्ण तरीके से विरोध दर्ज कराया।
इन प्रदर्शनों की अगुवाई कई सामाजिक संगठनों और मशहूर हस्तियों ने की, जिनमें हॉलीवुड अभिनेता Mark Ruffalo भी शामिल थे। उन्होंने न्यूयॉर्क में अपने भाषण के दौरान प्रदर्शनकारियों को "Avengers" की तरह बताया और कहा कि “अब कोई सुपरहीरो हमें बचाने नहीं आएगा, हमें ही खड़ा होना होगा।” यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और विरोध को नई ऊर्जा मिली।
विरोध प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण रहे, लेकिन कुछ शहरों में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हल्की झड़पें भी देखने को मिलीं। लॉस एंजेलिस में कुछ जगहों पर आंसू गैस का इस्तेमाल किया गया और राष्ट्रीय रक्षक तैनात किए गए। फिर भी, इन आंदोलनों की खासियत यह रही कि इनका स्वर लोकतंत्र के पक्ष में था और इनका मुख्य उद्देश्य सत्ता में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना था।
इस परेड और प्रदर्शन की टकराहट ने अमेरिका में एक गहरा संदेश दिया है। एक ओर जहां शक्ति और सैन्य प्रदर्शन के माध्यम से राष्ट्रपति ट्रंप ने शक्ति का प्रदर्शन किया, वहीं दूसरी ओर आम नागरिकों ने यह दिखा दिया कि लोकतंत्र में सत्ता का असली आधार जनता की इच्छा होती है।
इस पूरे घटनाक्रम ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अमेरिका जैसे लोकतांत्रिक देश में सिर्फ सत्ता का नहीं, बल्कि जनसत्ता का भी महत्व है। जब सत्ता का स्वरूप "राजशाही" जैसा प्रतीत होने लगे, तब 'No Kings' जैसे आंदोलनों का जन्म होता है जो लोकतंत्र की रक्षा के लिए जरूरी हैं।
Army Parade vs No Kings Protest की यह कहानी केवल एक दिन की नहीं है, बल्कि यह आधुनिक अमेरिकी राजनीति में नागरिक चेतना और सत्ता की सीमाओं के बीच एक अहम संवाद बन गई है।