प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में एक बार फिर देश को आत्मनिर्भर भारत की दिशा में मजबूत संदेश दिया है। गुजरात के दाहोद में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने न केवल आत्मनिर्भरता पर जोर दिया, बल्कि देशवासियों से विदेशी और विशेषकर चीनी सामान के बहिष्कार की भी अपील की। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि अब भारत केवल सॉफ्ट डिप्लोमेसी पर निर्भर नहीं रहेगा, बल्कि यदि जरूरत पड़ी तो कड़ा और साहसिक कदम उठाने में भी पीछे नहीं हटेगा। पीएम मोदी के इस बयान को न केवल आर्थिक मोर्चे पर आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से भी एक मजबूत संकेत है।
मोदी ने मंच से साफ शब्दों में कहा कि देश के व्यापारी विदेशी वस्तुओं को न बेचें और नागरिक उन्हें न खरीदें। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि भारत के त्योहारों पर हम भारतीय उत्पादों को प्राथमिकता दें। खासकर दीपावली, होली और गणेश चतुर्थी जैसे पर्वों पर स्वदेशी सामान का उपयोग करना चाहिए ताकि देश की अर्थव्यवस्था को बल मिले और स्थानीय कारीगरों, उद्यमियों को सीधा लाभ हो। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वदेशी अपनाना केवल एक विकल्प नहीं बल्कि एक जिम्मेदारी है, जिसे हमें गर्व के साथ निभाना चाहिए।
हालांकि, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे कुछ संदेशों में दावा किया जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने विदेशी और चीनी वस्तुओं के पूर्ण बहिष्कार की घोषणा कर दी है, जो कि तथ्यात्मक रूप से गलत है। आधिकारिक स्रोतों के अनुसार, प्रधानमंत्री ने ऐसा कोई सीधा आदेश नहीं दिया है बल्कि उन्होंने भावनात्मक और नैतिक रूप से देशवासियों से अपील की है कि वे स्वदेशी वस्तुओं को प्राथमिकता दें। ऐसे समय में जब भारत वैश्विक स्तर पर एक आर्थिक शक्ति बनने की ओर अग्रसर है, इस तरह की अपील देश के नागरिकों में जिम्मेदारी की भावना को जगाने का प्रयास है।
इसके साथ ही पीएम मोदी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर भी अपना रुख स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि यह केवल एक सैन्य मिशन नहीं, बल्कि यह नया भारत का प्रतीक है। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना ने आतंकवाद के खिलाफ एक निर्णायक हमला किया और यह दर्शाया कि भारत अब हर मोर्चे पर निर्णायक कार्रवाई करने के लिए तैयार है। प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में इस अभियान को बदलते भारत का चेहरा बताया। उन्होंने कहा कि भारत अब हर उस चुनौती का मुंहतोड़ जवाब देगा जो उसकी संप्रभुता, अखंडता और शांति में बाधा डालने की कोशिश करेगी।
मोदी ने पाकिस्तान के नागरिकों को भी स्पष्ट संदेश दिया कि वे शांति का मार्ग अपनाएं, अन्यथा भारत की सेना और नीति दोनों तैयार हैं। उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन बंद नहीं करता तो भारत की गोली जवाब देने के लिए तैयार है। यह चेतावनी केवल सैन्य नहीं, बल्कि एक कूटनीतिक संदेश भी था कि भारत अब अपनी आंतरिक और बाहरी सुरक्षा के मामलों में कोई समझौता नहीं करेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर गुजरात के भुज में 53,400 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया। इन परियोजनाओं में पावर प्लांट, पोर्ट विकास, जल एवं सौर ऊर्जा योजनाएं शामिल हैं जो कि भारत की ऊर्जा आत्मनिर्भरता और अवसंरचना को और मजबूती प्रदान करेंगी। यह दिखाता है कि प्रधानमंत्री का विजन केवल भावनात्मक नारेबाजी तक सीमित नहीं है, बल्कि वह ठोस कदम उठाकर भारत को आत्मनिर्भर और शक्तिशाली बनाने में लगे हुए हैं।
इस प्रकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह स्पष्ट संदेश न केवल भारत को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम है, बल्कि यह भारत की सैन्य और कूटनीतिक नीति में भी स्पष्ट बदलाव का संकेत देता है। उनके इस निर्णय और विचारधारा को देशभर में व्यापक समर्थन मिल रहा है और यह भारत के नए युग की ओर बढ़ते कदम को दर्शाता है।