एलन मस्क के पिता एरोल मस्क जून में आएंगे अयोध्या: राम मंदिर दर्शन से लेकर भारत की ग्रीन टेक्नोलॉजी को मिलेगा वैश्विक बढ़ावा

एलन मस्क के पिता एरोल मस्क जून 2025 में भारत की ऐतिहासिक और आध्यात्मिक नगरी अयोध्या का दौरा करेंगे। इस दौरे का विशेष आकर्षण अयोध्या स्थित भव्य राम मंदिर के दर्शन होंगे, जहां वे भगवान राम के दर्शन कर भारत की आध्यात्मिक विरासत के प्रति सम्मान व्यक्त करेंगे। लेकिन यह दौरा केवल एक धार्मिक यात्रा तक सीमित नहीं रहेगा—बल्कि यह भारत के हरित प्रौद्योगिकी (Green Technology) और इलेक्ट्रिक वाहन (EV) चार्जिंग अवसंरचना के क्षेत्र में वैश्विक महत्व को बढ़ाने का एक बड़ा अवसर भी बनकर सामने आएगा।



एरोल मस्क, जो अब भारत की अग्रणी स्वदेशी ऊर्जा समाधान कंपनी सर्वोटेक पावर सिस्टम्स के वैश्विक सलाहकार बोर्ड का हिस्सा बन चुके हैं, 1 जून से 6 जून 2025 तक भारत में विभिन्न व्यावसायिक बैठकों और आधिकारिक कार्यक्रमों में भाग लेंगे। इस दौरान वे भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों, नीति-निर्माताओं, निवेशकों और उद्योग प्रतिनिधियों के साथ चर्चा करेंगे, जिसका उद्देश्य भारत के EV चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और ग्रीन एनर्जी प्रोडक्ट्स के निर्यात को बढ़ावा देना होगा।

2 जून को नई दिल्ली में होने वाले एक प्रमुख कार्यक्रम में एरोल मस्क हिस्सा लेंगे, जहां वे केंद्रीय मंत्रियों और सीनियर पॉलिसी मेकर्स के साथ मुलाकात करेंगे। यह कार्यक्रम सर्वोटेक द्वारा आयोजित किया जा रहा है और इसमें भारत के EV और सौर ऊर्जा क्षेत्रों की उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। इसके बाद वे हरियाणा के सफियाबाद स्थित सर्वोटेक की अत्याधुनिक मैन्युफैक्चरिंग यूनिट का दौरा करेंगे, जहां सोलर प्रोडक्ट्स और EV चार्जर का निर्माण किया जाता है।

उनका दौरा 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के दिन एक विशेष अभियान में भाग लेकर और अधिक महत्वाकांक्षी बन जाएगा। इस दिन वे एक वृक्षारोपण अभियान में हिस्सा लेंगे, जो भारत में स्थिरता (sustainability) और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने का संदेश देगा। यह कदम उनकी हरित प्रौद्योगिकी के प्रति प्रतिबद्धता और भारत में इस क्षेत्र में उनके योगदान को रेखांकित करेगा।



अयोध्या दौरे की बात करें तो एरोल मस्क की यात्रा धार्मिक भावनाओं से जुड़ी है। वे राम मंदिर जाकर भगवान श्रीराम के दर्शन करेंगे और भारतीय संस्कृति की गहराई को अनुभव करेंगे। अयोध्या न केवल धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक अस्मिता का प्रतीक भी है। एरोल मस्क की यह यात्रा भारतीय परंपराओं और आधुनिक तकनीकी प्रगति के बीच सामंजस्य का भी प्रतीक बनेगी।

एरोल मस्क का भारत दौरा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि उनके बेटे एलन मस्क पहले ही Tesla और SpaceX जैसी विश्वस्तरीय कंपनियों के माध्यम से वैश्विक तकनीकी परिदृश्य को बदल चुके हैं। अब जब एरोल मस्क भारत की हरित क्रांति को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने आ रहे हैं, तो इससे न केवल भारत के EV सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि भारत की टेक्नोलॉजिकल डिप्लोमेसी भी सशक्त होगी।

यह दौरा यह संकेत भी देता है कि भारत अब केवल एक उभरता हुआ बाजार नहीं रहा, बल्कि एक रणनीतिक वैश्विक भागीदार बन चुका है, जो हरित ऊर्जा और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में दुनिया का नेतृत्व करने को तैयार है। एरोल मस्क की यह पहल, भारत के लिए वैश्विक स्तर पर विश्वसनीयता और पहचान को और अधिक मज़बूती देने वाली साबित हो सकती है।

इस प्रकार, एरोल मस्क का भारत दौरा केवल एक व्यक्तिगत या धार्मिक यात्रा नहीं है, बल्कि यह भारत की तकनीकी, रणनीतिक और सांस्कृतिक पहचान को वैश्विक मंच पर मजबूत करने का अवसर है। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि भारत आने वाले वर्षों में ग्रीन टेक्नोलॉजी और EV एक्सपोर्ट में वैश्विक नेतृत्व निभाने को पूरी तरह तैयार है।