भारत और पाकिस्तान के बीच का तनाव एक बार फिर दुनिया के लिए चिंता का विषय बन चुका है। हाल ही में पाकिस्तान के एक शीर्ष जनरल साहिर शमशाद मिर्जा ने सिंगापुर में आयोजित ‘शांग्री-ला डायलॉग’ के मंच से एक गंभीर चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि कश्मीर विवाद के चलते भारत और पाकिस्तान के बीच भविष्य में व्यापक युद्ध की संभावना काफी बढ़ चुकी है। उनका कहना है कि अगर यह तनाव इसी तरह बढ़ता रहा, तो अगली बार भारत इतना बड़ा हमला कर सकता है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को प्रतिक्रिया देने का समय भी न मिले।
जनरल मिर्जा ने अपनी बात रखते हुए यह भी कहा कि दोनों देशों के बीच किसी भी प्रकार का सैन्य संचार तंत्र या आपातकालीन संवाद प्रणाली नहीं है। ऐसे में किसी भी गलतफहमी या आकस्मिक घटना से हालात युद्ध तक पहुंच सकते हैं। उन्होंने विशेष रूप से कश्मीर मुद्दे का ज़िक्र करते हुए कहा कि जब तक इस मसले का शांतिपूर्ण समाधान नहीं निकलता, तब तक यह क्षेत्र किसी भी वक्त युद्ध की आग में झुलस सकता है।
दरअसल, यह बयान ऐसे समय आया है जब हाल ही में भारत के जम्मू-कश्मीर के पहलगाम इलाके में हुए एक आतंकी हमले में 26 नागरिकों की मौत हो गई थी। इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के पंजाब और आज़ाद कश्मीर के कई हिस्सों में जवाबी मिसाइल हमले किए। भारतीय सेना के अनुसार, ये हमले आतंकवादी ठिकानों पर किए गए थे। वहीं पाकिस्तान ने इन हमलों को "युद्ध की कार्रवाई" करार दिया और पलटवार करते हुए दावा किया कि उसने भारतीय वायुसेना के पांच विमान मार गिराए हैं।
यह घटनाक्रम केवल भारत और पाकिस्तान तक सीमित नहीं रहा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इसकी गूंज सुनाई दी। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है। अमेरिका, रूस और अन्य देशों ने भी भारत-पाक सीमा पर बढ़ते तनाव को लेकर कूटनीतिक प्रयास तेज कर दिए हैं ताकि किसी बड़े संघर्ष को टाला जा सके।
भारत के रक्षा प्रमुख जनरल अनिल चौहान ने इस घटनाक्रम को लेकर बताया कि भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ हालिया कार्रवाई में वायुसेना के माध्यम से सामरिक बढ़त हासिल की थी। उन्होंने कहा कि भारत ने अपनी सैन्य रणनीति में बदलाव कर आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्यवाही की है। वहीं पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने यह कहकर सनसनी फैला दी कि अगर भारत ने फिर से हमला किया तो पाकिस्तान “तेज, दृढ़ और उन्नत” तरीके से जवाब देगा और परमाणु युद्ध का खतरा भी अब “स्पष्ट और वर्तमान” हो चुका है।
यह बयान पाकिस्तान के उस हताश मनोविज्ञान को दर्शाता है, जहां कूटनीति की जगह धमकी और डर का सहारा लिया जा रहा है। भारत पहले ही साफ कर चुका है कि वह आतंकवाद को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगा। भारत की नीति स्पष्ट है—आतंक के खिलाफ निर्णायक कार्यवाही और नागरिकों की सुरक्षा में कोई समझौता नहीं।
आज जब दुनिया शांति और स्थिरता की ओर बढ़ रही है, भारत और पाकिस्तान जैसे दो परमाणु शक्तिशाली देशों के बीच इस तरह की स्थिति वैश्विक चिंता का विषय है। अब समय आ गया है कि पाकिस्तान आतंकवाद का रास्ता छोड़कर कूटनीति और विकास की ओर कदम बढ़ाए। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही कह चुके हैं—"युद्ध किसी समस्या का समाधान नहीं है।"
लेकिन अगर पाकिस्तान आतंक के रास्ते से पीछे नहीं हटता, तो भारत अपनी संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।
"शांति की बात तभी मायने रखती है जब सामने वाला भी उसे समझे।"
भारत की चेतावनी साफ है—अगर फिर हमला हुआ, तो प्रतिक्रिया इतनी तेज़ होगी कि दुनिया को प्रतिक्रिया देने का मौका भी नहीं मिलेगा। इसलिए यह वक्त पाकिस्तान के लिए आत्मचिंतन का है, क्योंकि भारत अब पुराना भारत नहीं रहा।