👋 Join Us राजस्थान में पंचायतों का बड़ा पुनर्गठन: 3416 नई ग्राम पंचायतें और 85 नई पंचायत समितियाँ – पूरी जानकारी यहां पढ़ें

राजस्थान में पंचायतों का बड़ा पुनर्गठन: 3416 नई ग्राम पंचायतें और 85 नई पंचायत समितियाँ – पूरी जानकारी यहां पढ़ें

राजस्थान सरकार ने पंचायती राज व्यवस्था में अब तक का सबसे बड़ा पुनर्गठन (Reorganization) करते हुए पूरे राज्य में 3416 नई ग्राम पंचायतों का गठन कर दिया है। इसके साथ ही 33 जिलों में 85 नई पंचायत समितियों का भी निर्माण किया गया है। इस ऐतिहासिक पुनर्गठन से राज्य की पंचायत व्यवस्था का नक्शा पूरी तरह बदल गया है। यह निर्णय ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशासन को और अधिक सुलभ, पारदर्शी और जनहितैषी बनाने के उद्देश्य से लिया गया है।


राजस्थान में 3416 नई ग्राम पंचायतों का गठन



राज्य में कुल 3416 नई ग्राम पंचायतें बनाई गई हैं। यह पुनर्गठन सभी 41 जिलों में लागू किया गया है। पंचायतों के गठन में भौगोलिक स्थिति, जनसंख्या, दूरी और सार्वजनिक सुविधा केंद्रों को प्रमुख आधार बनाया गया है।

  • सबसे अधिक नई ग्राम पंचायतें – बाड़मेर (270)
  • सबसे कम नई ग्राम पंचायतें – झालावाड़ (19)

इन नई पंचायतों के गठन से ग्रामीण आबादी को अपनी पंचायत स्तर पर तेज गति से योजनाओं और सुविधाओं का लाभ मिलेगा।


पंचायत समितियों में बड़ा बदलाव: 85 नई समितियाँ

राजस्थान में पंचायत समितियों की संख्या में भी महत्वपूर्ण वृद्धि की गई है। पहले राज्य में 365 पंचायत समितियाँ थीं, लेकिन पुनर्गठन के बाद यह संख्या बढ़कर 450 हो गई है।

  • 33 जिलों में 85 नई पंचायत समितियाँ बनाई गई हैं
  • 40 जिलों में पुनर्गठन किया गया है
  • 8 जिलों में कोई नई समिति नहीं बनी
  • डीग और अलवर में 1–1 पंचायत समिति को समाप्त किया गया है

यह निर्णय प्रशासनिक सुगमता और बेहतर स्थानीय शासन को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।


पुनर्गठन की आवश्यकता क्यों पड़ी?

राजस्थान में कई ग्राम पंचायतें क्षेत्रफल और आबादी की दृष्टि से बहुत बड़ी थीं, जिसके कारण ग्रामीणों को पंचायत स्तर पर कार्य करवाने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी। साथ ही तेजी से बढ़ती जनसंख्या ने भी नए प्रशासनिक इकाइयों की आवश्यकता को जन्म दिया।

पुनर्गठन के मुख्य लाभ:

  • प्रशासनिक कार्यों में गति
  • ग्रामीणों को पंचायत स्तर पर जल्द सेवा उपलब्धता
  • बेहतर जनप्रतिनिधित्व
  • ग्रामीण विकास योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन
  • चुनावी क्षेत्रों में स्पष्ट सीमा निर्धारण


 नए पुनर्गठन से क्या बदलेगा?

  1. ग्राम पंचायतों की संख्या बढ़ने से स्थानीय नेता और प्रतिनिधि की पहुंच जनता तक बेहतर होगी।
  2. आंगनवाड़ी, स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र, मनरेगा कार्य जैसे कई विभागों की पहुंच बेहतर होगी।
  3. आगामी पंचायत चुनाव नई सीमाओं और नई पंचायत इकाइयों के आधार पर ही होंगे।
  4. ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और प्रशासनिक गतिविधियों में वृद्धि होगी।


किन जिलों पर सबसे ज़्यादा प्रभाव?

  • पश्चिम राजस्थान (खासकर बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर) में सबसे बड़ा पुनर्गठन हुआ है।
  • दक्षिणी और पूर्वी राजस्थान में भी कई नई पंचायतें बनाई गई हैं।
  • राजधानी जयपुर जिले में भी 139 से अधिक नई पंचायतें गठित हुई हैं, जिससे ग्रामीण प्रशासन और सुदृढ़ होगा।